Home Bihar नालंदा में डेढ़ और 3 साल की मासूम जलीं: 20 किमी दूर सदर अस्पताल में इलाज नहीं, पटना पहुंचकर मौत

नालंदा में डेढ़ और 3 साल की मासूम जलीं: 20 किमी दूर सदर अस्पताल में इलाज नहीं, पटना पहुंचकर मौत

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नालंदा में डेढ़ और 3 साल की मासूम जलीं: 20 किमी दूर सदर अस्पताल में इलाज नहीं, पटना पहुंचकर मौत

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बिहारशरीफ सदर अस्पताल में इलाज की गुहार लगाते परिजन।

बिहारशरीफ सदर अस्पताल में इलाज की गुहार लगाते परिजन।
– फोटो : अमर उजाला

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तीन साल की सोनाक्षी और डेढ़ साल की मीनाक्षी अबतक नालंदा जिले के वेना थाना क्षेत्र में कमल बीघा गांव के विक्की के घर की रौनक थीं। अब नहीं। गरीबी के बावजूद गुरुवार शाम तक इनके चहकने के कारण घर गुलजार था। और, शुक्रवार को सूर्योदय के पहले यह जली हुई लाश बन गईं। गुरुवार रात करीब 9 बजे घर में आग लगी और सिलिंडर ब्लास्ट से दोनों बुरी तरह झुलस गईं। घर वाले 20 किलोमीटर दूर बिहारशरीफ सदर अस्पताल लेकर पहुंचे। चकाचक संसाधन तो दिखा, मगर इलाज के नाम पर मलहम के अलावा कुछ नहीं। किसी तरह परिजन दोनों को लेकर राज्य के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल पीएमसीएच पहुंचे, लेकिन बुरी तरह झुलसी बच्चियां असह्य कष्ट के साथ दुनिया से विदा हो गईं।

बच्चियों को निष्क्रिय देख रेफर करा भागे पटना
पीड़ित परिवार के लोगों ने बताया कि विक्की की बेटी सोनाक्षी और मीनाक्षी(1.5वर्ष) कमरे में सो गई थीं। अचानक आग दिखा और देखते ही देखते रसोई गैस सिलेंडर फट गया। इस धमाके की आग में दोनों बच्चियां बुरी तरह झुलस गई। चेहरा समेत शरीर का बड़ा हिस्सा बुरी तरह जल गया। इस स्थिति में परिजन किसी तरह इंतजाम कर कमल बीघा गांव से 20 किलोमीटर दूर बिहारशरीफ पहुंचे। यहां प्राथमिक इलाज के नाम पर कुछ खास नहीं था और बच्चियों की हालत भी लगातार खराब हो रही थी। उनकी शारीरिक सक्रियता घटती देख परिजन तुरंत रेफर कराते हुए पटना भागे। पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल की इमरजेंसी में पहुंचने के कुछ ही देर के अंदर एक-एक कर दोनों बच्चियों ने दम तोड़ दिया।

पटना से शव के रूप में बच्चियों को लेकर लौटे
वेना थाना प्रभारी मुकेश कुमार श्रीवास्तव ने घटनाक्रम के बारे में प्राथमिक जानकारी के आधार पर बताया कि लोग उज्ज्वला योजना के तहत मिले गैस से जलने की बात कह रहे हैं, हालांकि शार्ट सर्किट से आग लगने की आशंका ज्यादा दिख रही है। इधर, शुक्रवार सुबह दोनों की पटना में मौत के बाद परिजन शवों को लेकर कमल बीघा रवाना हो गए हैं।

विस्तार

तीन साल की सोनाक्षी और डेढ़ साल की मीनाक्षी अबतक नालंदा जिले के वेना थाना क्षेत्र में कमल बीघा गांव के विक्की के घर की रौनक थीं। अब नहीं। गरीबी के बावजूद गुरुवार शाम तक इनके चहकने के कारण घर गुलजार था। और, शुक्रवार को सूर्योदय के पहले यह जली हुई लाश बन गईं। गुरुवार रात करीब 9 बजे घर में आग लगी और सिलिंडर ब्लास्ट से दोनों बुरी तरह झुलस गईं। घर वाले 20 किलोमीटर दूर बिहारशरीफ सदर अस्पताल लेकर पहुंचे। चकाचक संसाधन तो दिखा, मगर इलाज के नाम पर मलहम के अलावा कुछ नहीं। किसी तरह परिजन दोनों को लेकर राज्य के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल पीएमसीएच पहुंचे, लेकिन बुरी तरह झुलसी बच्चियां असह्य कष्ट के साथ दुनिया से विदा हो गईं।

बच्चियों को निष्क्रिय देख रेफर करा भागे पटना

पीड़ित परिवार के लोगों ने बताया कि विक्की की बेटी सोनाक्षी और मीनाक्षी(1.5वर्ष) कमरे में सो गई थीं। अचानक आग दिखा और देखते ही देखते रसोई गैस सिलेंडर फट गया। इस धमाके की आग में दोनों बच्चियां बुरी तरह झुलस गई। चेहरा समेत शरीर का बड़ा हिस्सा बुरी तरह जल गया। इस स्थिति में परिजन किसी तरह इंतजाम कर कमल बीघा गांव से 20 किलोमीटर दूर बिहारशरीफ पहुंचे। यहां प्राथमिक इलाज के नाम पर कुछ खास नहीं था और बच्चियों की हालत भी लगातार खराब हो रही थी। उनकी शारीरिक सक्रियता घटती देख परिजन तुरंत रेफर कराते हुए पटना भागे। पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल की इमरजेंसी में पहुंचने के कुछ ही देर के अंदर एक-एक कर दोनों बच्चियों ने दम तोड़ दिया।

पटना से शव के रूप में बच्चियों को लेकर लौटे

वेना थाना प्रभारी मुकेश कुमार श्रीवास्तव ने घटनाक्रम के बारे में प्राथमिक जानकारी के आधार पर बताया कि लोग उज्ज्वला योजना के तहत मिले गैस से जलने की बात कह रहे हैं, हालांकि शार्ट सर्किट से आग लगने की आशंका ज्यादा दिख रही है। इधर, शुक्रवार सुबह दोनों की पटना में मौत के बाद परिजन शवों को लेकर कमल बीघा रवाना हो गए हैं।



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