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शराब माफिया के लिए काल बना ड्रोन
औरंगाबाद के नक्सली इलाके में भारी मात्रा में अवैध शराब का उत्पादन किया जा रहा था। थोक के भाव में बिक्री की जा रही थी। खुफिया इनपुट के सत्यापन के लिए उत्पाद विभाग ने ड्रोन का सहारा लिया। ड्रोन उड़ाकर चाल्हो पहाड़ के चप्पे-चप्पे की निगरानी की गई। ड्रोन के कैमरे से जो तस्वीरें मिली उससे स्पष्ट हो गया कि चाल्हो पहाड़ में संगठित तरीके से बजाप्ता ओपेन मिनी शराब फैक्ट्री चलाई जा रही है। न केवल भारी मात्रा में महुआ वाइन की चुलाई की जा रही है बल्कि बाइक और अन्य छोटे वाहनों से इसकी दूरदराज के इलाकों तक सप्लाई भी की जा रही है। ड्रोन कैमरे से सारी बातें स्पष्ट होने के बाद कार्रवाई हुई।
पहाड़ के ऊपर चल रही थी शराब की भट्ठियां
उत्पाद अधीक्षक शैलेंद्र कुमार के नेतृत्व में विभाग की एक स्पेशल ऑपरेशनल टीम गठित की गई। टीम ने शनिवार को डॉग स्क्वॉयड के साथ अहले सुबह ही चाल्हो पहाड़ में रेड शुरू की। चूंकि अवैध शराब का उत्पादन पहाड़ के ऊपर समतल स्थानों पर किया जा रहा था। इस कारण पहाड़ के ऊपर शराब के उत्पादन में लगे धंधेबाजों ने छापेमारी टीम को पहाड़ की तलहट्टी में पहुंचते ही देख लिया और वे जंगली रास्तों के सहारे निकल भागे। इसके बावजूद उत्पाद पुलिस ने ड्रोन उड़ाकर उन्हें पकड़ने की कोशिश की लेकिन जंगल के रास्तों से अनजान होने के कारण सफलता नहीं मिल सकी।
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चाल्हो पहाड़ पर 4-5 घंटे तक चला ऑपरेशन शराब
चार से पांच घंटे तक चलाए गए ऑपरेशन में चाल्हो पहाड़ का चप्पा-चप्पा छान मारा गया। चिन्हित किए गए दस स्थानों पर शराब उत्पादन की मिनी फैक्ट्रियों का खुलासा हुआ। एक-एक कर धधकती आग पर शराब की चुलाई कर रही यानी रनिंग मोड की कुल 10 फैक्ट्रियों को ध्वस्त किया गया। भारी मात्रा में अवैध शराब निर्माण के उपकरणों की बरामदगी हुई। मौके पर ही 9 हजार किलो पानी में फुलाया हुआ जावा महुआ और 150 लीटर चुलाई महुआ वाइन नष्ट किया गया। छापेमारी टीम में एक्साइज इंस्पेक्टर दानी प्रसाद, सब इंस्पेक्टर हैदर अली, नीतीश कुमार और सशस्त्र बल शामिल रहे।
रिपोर्ट- आकाश कुमार
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