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पुलिस ने किया छपरा से गिरफ्तार
पुलिस के अनुसार, पिछले साल 26 अगस्त को साहू ने अपने साथी प्रवीण के साथ मिलकर बैंक कॉलोनी निवासी कपिल पंवार को 15 गोलियां मारी थीं। धालीवाल ने कहा कि उस घटना में कपिल और प्रमोद नाम के एक अन्य व्यक्ति को गोली लगी थी। कपिल को 15 गोलियां लगने के साथ मृत घोषित कर दिया गया था, जबकि प्रमोद गंभीर रूप से घायल हो गया था। प्रमोद के बयान के आधार पर नेब सराय थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई थी। जबकि इस मामले की जांच स्पेशल सेल ने भी शुरू कर दी थी। अधिकारी ने आगे कहा कि 2 अक्टूबर 2022 को प्रवीण को गिरफ्तार किया गया था। उस दौरान उसके कब्जे से अवैध असलहा भी बरामद किया गया था।
अपराध की घटनाओं को देता था अंजाम
पूछताछ करने पर, प्रवीण ने खुलासा किया कि वह साहू के साथ स्कूटी पर मौके पर पहुंचा था और कार के अंदर बैठे कपिल को मारने के इरादे से कई राउंड फायरिंग की थी। कपिल की लोकेशन की जानकारी उन्हें पारस और जोंटी ने दी थी, जो घटना के समय कपिल के साथ थे। स्पेशल सीपी ने कहा, पुलिस टीमों ने दिल्ली-एनसीआर और उत्तर प्रदेश में संदिग्धों के कुछ ठिकानों पर छापेमारी की, लेकिन कुछ मौकों पर साहू पुलिस के चंगुल से बाल-बाल बच गया। अधिकारी ने कहा कि आखिरकार 4 अप्रैल को पुलिस ने साहू को छपरा के परसा से गिरफ्तार कर लिया। हमने उसके घर से एक अवैध पिस्तौल और दो गोलियां भी बरामद की हैं।
दक्षिणी दिल्ली का आतंक था आरोपी
धालीवाल ने कहा कि प्रवीण और कपिल जिसे नेब सराय थाने में बैड कैरेक्टर भी करार दिया गया था, अच्छे दोस्त थे, लेकिन इलाके में वर्चस्व की लड़ाई के चलते दोनों एक-दूसरे के दुश्मन हो गए। धालीवाल ने कहा कि प्रवीन को पता चला कि कपिल उसे मरवाने की योजना बना रहा था और इसलिए उसने साहू की मदद से कपिल को मार डाला। कपिल हत्या, डराने-धमकाने के लिए फायरिंग, आर्म्स एक्ट आदि के छह से अधिक मामलों में शामिल था और कुख्यात दीपक पंडित गिरोह का प्रमुख सदस्य था। जबकि साहू और प्रवीण रवि गंगवाल-रोहित चौधरी गिरोह से जुड़े थे। ये नीरज बवाना गैंग से भी जुड़े हुए थे। अधिकारी ने कहा कि दीपक पंडित और रवि गंगवाल-रोहित चौधरी के गिरोह के बीच दक्षिण दिल्ली इलाके में वर्चस्व को लेकर लंबे समय से प्रतिद्वंद्विता है।
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