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अर्जित अमेरिका की गोद में
दानापुर एसडीओ प्रदीप कुमार के हाथों अमेरिकी दंपत्ति को बच्चा सौंप दिया गया। इस मौके पर एसडीओ ने कहा कि आईएएस बनने के बाद ये मेरा पहला मौका है, जब मैं किसी बच्चों को विदेश से आए मेहमान की गोद में देने का काम कर रहा हूं। मेरे लिए ये काफी सुखद पल है। अमेरिकी दंपति की ओर से बच्चा लेने के बाद उसके पासपोर्ट के लिए गुरुवार को ऑनलाइन आवेदन दे दिया गया। अमेरिका से आए डॉक्टर कर्निल रे मिलर और उनकी पत्नी कैथरिन सुलिवान ने कहा कि हमें काफी खुशी महसूस हो रही है। हमने एक बच्चे को गोद लिया है। हमारे परिवार में पहले से तीन बच्चे हैं। ये हमारा चौथा बच्चा होगा। इस दौरान स्थानीय प्रशासन की ओर से सभी कागजी कार्रवाई पूरी कर ली गई।
कानूनी प्रक्रिया पूरी
अर्जित नाम के इस बच्चे को एक निजी संस्था ने सड़क से विक्रम थाना क्षेत्र के भादवा गांव से वर्ष 2019 में रेस्क्यू किया था। बच्चा दिव्यांग था। उसकी मां, उसके छोड़कर चली गई थी। बच्चे को एक हाथ नहीं है। उसका होठ पहले कटा हुआ है। निजी संस्था की ओर से दो सालों तक उसके परिजनों को तलाशने का काम किया गया। जब परिजन नहीं मिले, तब संस्था ने उसके पालन-पोषण का जिम्मा उठाया था। उसके बाद भारत भ्रमण पर आए एक अमेरिकी दंपति ने इस बच्चे के बारे में सुना और उसे गोद लेने का फैसला किया। दंपति की ओर से इसके लिए ऑनलाइन आवेदन किया गया और उसके बाद सभी कानून प्रक्रिया पूरी करने के बाद बच्चे को उन्हें सौंप दिया गया है।
स्थानीय अधिकारी भी खुश
अर्जित के अमेरिका जाने को लेकर बाल संरक्षण विभाग के जिला उपनिदेशक उदय कुमार ने कहा कि वाशिंगटन से आए मेहमानों ने पहले ही इच्छा जाहिर की थी, कि वे इस बच्चे को गोद लेंगे। उसके बाद प्रक्रिया शुरू कर दी गई थी। आज प्रक्रिया पूरी हो गई। अर्जित को एसडीओ के हाथों अमेरिकी दंपति को सौंप दिया गया है। उन्होंने कहा कि लोगों को नियमानुसार ही गोद लेना चाहिए। बहुत लोग बिना कागजी प्रक्रिया के सड़क से बच्चों को उठा लेते हैं, ये सही नहीं है। वहीं संस्था की निदेशक सरिता कुमारी ने कहा कि 2019 से ये बच्चा हमलोगों के पास है। इसके होठ और इसका लेफ्ट हैंड प्राकृतिक रूप से कटा हुआ है। उसी दौरान संस्था में अमेरिकी दंपति ने इस बच्चों को वहां देखा था।
अर्जित जाएगा अमेरिका
दिव्यांग और लावारिश होने का दंश झेलने वाले अर्जित को नये माता-पिता मिल गए हैं। अमेरिकी दंपति ने अर्जित को ऊंची शिक्षा देने के साथ बेहतर तरीके से पालन-पोषण करने की बात कही है। उन्होंने कहा है कि अर्जित अब खेलने-कूदने लगा है। अमेरिका जाने के बाद इसमें और विकास होगा। अर्जित के जीवन में आई खुशियों से पूरा इलाका खुश है। लोगों में चर्चा है कि किस्मत सच में ऊपर वाला तय करता है, जैसा अर्जित का तय किया, वैसे ही सभी दिव्यांग बच्चों का तय करे।
रिपोर्ट-अर्जुन प्रसाद, दानापुर
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