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इसलिए दिल्ली दौरे पर मांझी
जीतन राम मांझी गया से एक प्रतिनिधिमंडल के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने दिल्ली गए। पीएमओ ने उन्हें अमित शाह से मिलने के लिए कहा था। चूंकि अमित शाह उस समय पूर्वोत्तर राज्यों के दौरे पर थे, जिसके बाद मांझी प्रतिनिधिमंडल के साथ पटना लौट आए। प्रधानमंत्री से मिलने के लिए पहले दशरथ मांझी की तरह 22 लोगों का प्रतिनिधिमंडल गया से दिल्ली तक पहुंचा था।
क्या बन रही कोई रणनीति?
जीतन राम मांझी को बिहार में नीतीश कुमार का सबसे करीबी सहयोगी बताया जाता है। चूंकि नीतीश कुमार ने बुधवार को कांग्रेस के शीर्ष नेताओं राहुल गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे से मुलाकात की। सूत्रों ने कहा कि अमित शाह के कार्यालय ने जीतन राम मांझी को मिलने के लिए आमंत्रित किया था। अब मांझी के दिल्ली में अमित शाह से मुलाकात को लेकर सियासी पारा चढ़ गया है।
नीतीश के दिल्ली दौरे के बीच मांझी की शाह से मुलाकात
बीजेपी बिहार में नीतीश कुमार और लालू प्रसाद यादव की ताकत को चुनौती देने के लिए मजबूत गठबंधन सहयोगी चाहती है। अगर जीतन राम मांझी महागठबंधन से एनडीए की ओर जाते हैं, तो यह नीतीश कुमार के विपक्षी एकता आंदोलन के लिए एक बड़ा झटका होगा। जीतन राम मांझी ने हालांकि कई मौकों पर दावा किया कि वह अपने जीवन में नीतीश कुमार का साथ नहीं छोड़ेंगे। नीतीश कुमार ने उन्हें बिहार का मुख्यमंत्री बनाया था और मांझी इसे नहीं भूल सकते।
नीतीश कुमार ने दिल्ली में की लालू यादव से मुलाकात, फिर कह दी बड़ी बात
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