Home Bihar ट्रॉमा सेंटर तो बना लेकिन डॉक्टर पर्याप्त नहीं: 24 घंटे चलने वाले LNJP के ट्रॉमा सेंटर में न अल्ट्रासाउंड की व्यवस्था न विभिन्न फैकेल्टी में डॉक्टर

ट्रॉमा सेंटर तो बना लेकिन डॉक्टर पर्याप्त नहीं: 24 घंटे चलने वाले LNJP के ट्रॉमा सेंटर में न अल्ट्रासाउंड की व्यवस्था न विभिन्न फैकेल्टी में डॉक्टर

0
ट्रॉमा सेंटर तो बना लेकिन डॉक्टर पर्याप्त नहीं: 24 घंटे चलने वाले LNJP के ट्रॉमा सेंटर में न अल्ट्रासाउंड की व्यवस्था न विभिन्न फैकेल्टी में डॉक्टर

[ad_1]

पटनाएक घंटा पहले

  • कॉपी लिंक
लोकनायक जयप्रकाश नारायण अस्पताल। - Dainik Bhaskar

लोक नायक जयप्रकाश नारायण अस्पताल।

पटना के राजवंशीनगर में स्थित लोकनायक जयप्रकाश नारायण अस्पताल (LNJP) में 24 घंटे सातों दिन वाले ट्रॉमा सेंटर की स्थापना तो कर दी गई लेकिन यहां मैन पावर का इतना ज्यादा अभाव है कि इसे पूरी तरह से संचालित करना ही मुश्किल है। हद यह कि यहां अल्ट्रासाउंड जैसी अब मामूली हो चुकी जांच की सुविधा भी नहीं है। न अल्ट्रासाउंड की मशीन है और न इसको संचालित करने वाले रेडियोलॉजिस्ट।

कई डॉक्टरों की कमी
ट्रॉमा सेंटर चलाने के लिए यहां चार न्यूरो के डॉक्टर चाहिए हैं और हैं महज दो। एनेस्थीसिया में 7 डॉक्टर हैं लेकिन और दो की जरूरत है। कार्डियोलॉजी में यहां महज एक डॉक्टर हैं। यहां अभी दो प्लास्टिक सर्जन, दो रेडियोलॉजिस्ट, दो न्यूरो सर्जन और दो न्यूरो फीजिशियन की और जरुरत है। इन सबों की कमी के साथ यह ट्रॉमा सेंटर चलाया जा रहा है। जानकारी है कि दो दिन पहले आर्थोपेडिक डॉक्टर यहां भेजे गए हैं।

ट्रॉमा के मरीजों को एक साथ कई तरह के इलाज की जरुरत तुरंत पड़ती है
ट्रॉमा सेंटर में ज्यादातर वैसे मरीजों का इलाज किया जाता है जो एक्सिडेंट आदि में बुरी तरह से घायल हो जाते हैं और उन्हें इमरजेंसी में लाया जाता है। राज्य भर में दुर्घटना की संख्या में काफी इजाफा हुआ है इस लिहाज से इस तरह के ट्रॉमा सेंटर की जरूरत काफी बढ़ गई है। ऐसे मरीज को एक साथ हर्ट, आर्थोपेडिक, न्यूरो आदि डॉक्टरों की जरूरत पड़ती है। तुरंत मरीज की जान बचाना सबसे बड़ा चैलेंज होता है। इसलिए ट्रामा सेंटर में हर्ट, न्यूरो, आर्थोपेडिक आदि से जुड़ी जांच की व्यवस्था तो होनी ही चाहिए इससे जुड़े मेडिकल स्टाफ भी पर्याप्त चाहिए।

कई बार देखा जाता है कि इमरजेंसी में ट्रामा का बोर्ड लागाकर ही उसे ट्रामा सेंटर बता दिया जाता है। राजवंशी नगर असपताल में ट्रामा सेंटर बनाने का मकसद है कि ट्रामा के मरीजों का पर्याप्त इलाज काफी कम खर्च में हो सके। यहां ऑपरेशन से लेकर बाकी इलाज फ्री है। रहने और खाने की सुविधा फ्री है। कई जांच फ्री हैं और कुछ पीपीपी मोड पर हैं। जिन जांच की सुविधा पीपीपी मोड पर है उसमे शुल्क बाजार से काफी कम लिया जाता है। राजवंशी नगर अस्पताल हड्डी रोग के लिए सुपरस्पेशिएलिटी अस्पताल है।

नियमावली बना रहे हैं, इसके बाद कमियां आउससोर्सिंग से पूरी कर ली जाएंगी
मेडिकल स्टाफ के सवाल पर राजवंशी नगरअस्पताल के निदेशक डॉ. सुभाष चंद्रा कहते हैं कि सरकार को डॉक्टरों की जरुरत के लिए लिखा गया है। कुछ डॉक्टर आए भी हैं। अब सरकार ने अस्पताल प्रबंधन को ही आउटसोर्सिंग के जरिए इस तरह की कमियों को पूरा करने का निर्देश दिया है। इसके लिए हम ठोस नियमावली बना रहे हैं। नियमावली को लेकर अस्पताल के डॉक्टरों और स्वास्थ्य विभाग के बीच एक जरूरी बैठक होनी है। जल्द मैन पावर से जुड़ी कमियों को दूर कर लेंगे। उन्होंने कहा कि अल्ट्रासाउंड की मशीन के लिए BMSICL को लिखा गया है। सरकार यहां बेहतर ट्रामा सेंटर बनाना चाहती है।

खबरें और भी हैं…

[ad_2]

Source link

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here