Home Bihar ट्रेन की दो घटनाएं बड़ी सीख दे रहीं: चलती ट्रेन में चढ़ने से दो की जान अटकी, कैसे बची जान यह भी जानने लायक

ट्रेन की दो घटनाएं बड़ी सीख दे रहीं: चलती ट्रेन में चढ़ने से दो की जान अटकी, कैसे बची जान यह भी जानने लायक

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ट्रेन की दो घटनाएं बड़ी सीख दे रहीं: चलती ट्रेन में चढ़ने से दो की जान अटकी, कैसे बची जान यह भी जानने लायक

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पूर्णिया में आरपीएफ जवान ने बुजुर्ग की जान बचाई।

पूर्णिया में आरपीएफ जवान ने बुजुर्ग की जान बचाई।
– फोटो : अमर उजाला

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2022 में जारी नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़े बताते हैं कि 2021 में 11,036 लोगों की जान ट्रेन से गिरने या ट्रैक पर ट्रेन की टक्कर से गई। बिहार में भी ऐसे हादसे खूब होते हैं। लेकिन, लोग अब भी चलती ट्रेन में चढ़ना नहीं छोड़ रहे। बुधवार को बिहार के पूर्णिया और औरंगाबाद से ऐसी खबरें आईं। दोनों घटनाएं एक सीख तो यह दे रहीं कि चलती ट्रेन में चढ़ना जानलेवा है। दूसरी सीख दोनों घटनाओं में जान बचाने की सोच और प्रयास से मिलती है।

आरपीएफ जवान ने देखा तो दूर से आकर खींच निकाला
पूर्णिया रेलवे स्टेशन का एक वीडियो फुटेज सामने आया है। धोती-कुर्ते में एक व्यक्ति कंधे को शॉल से ढंके हुए था, मगर दौड़कर ट्रेन में चढ़ गया। एक पैर चढ़ गया और दूसरा लटक गया। जिस समय वह लटपटाया, उस समय सामने प्लेटफॉर्म पर दो लोग बैठे थे और एक पुलिसकर्मी समेत दो लोग वहीं खड़े थे। इन पांचों से बहुत पीछे आरपीएफ का जवान संजीव कुमार सिंह थे। संजीव ने दूर से ही उसे लटपटाते देखा और दौड़ता आया। सोचने का समय नहीं था और बाकी लोग देख ही रहे थे, जबकि संजीव ने खींचते हुए उस आदमी को निकाल लिया। एक पैर ट्रेन के निचले हिस्से में और एक फ्लोर पर था, जिसके कारण रगड़ और चोट तो है लेकिन जान बच गई। हादसे का शिकार व्यक्ति अभी भी सदमे में है। कुछ भी बताने की स्थिति में नहीं है। घायल यात्री को रेलवे की मेडिकल टीम देख रही है।

इंजीनियर ने घिसटते देखा तो ट्रेन रुकवा कर जान बचाई
यह घटना औरंगाबाद की है। पूर्व मध्य रेल के दीनदयाल उपाध्याय मंडल अंतर्गत डिहरी-गढ़वा रेलखंड पर औरंगाबाद जिले के अंकोरहा स्टेशन पर ट्रेन रुकी तो नबीनगर प्रखंड के गंजपर निवासी पिंटू कुमार (35) ने तफरीह की और जब ट्रेन खुली तो दौड़ता हुए चढ़ने लगा। पैर फिसला तो प्लेटफॉर्म से नीचे गिर गया और सीढ़ी पर लटकते हुए करीब 50 फीट तक घिसटता गया। स्टेशन पर ड्यूटी कर रहे जूनियर इंजीनियर जितेंद्र कुमार को दूर से यह दिखा तो सोचने का समय नहीं था। दौड़ते हुए ट्रेन को इमरजेंसी ब्रेक लगवाकर रुकवाया। या। ट्रेन रुकी और घायल को एनटीपीसी स्थित हॉस्पिटल पहुंचाया गया। रेलवे स्टाफ जितेंद्र कुमार, सुरक्षा बलों और अन्य ग्रामीणों की तत्परता से युवक की जान बच गई।

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2022 में जारी नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़े बताते हैं कि 2021 में 11,036 लोगों की जान ट्रेन से गिरने या ट्रैक पर ट्रेन की टक्कर से गई। बिहार में भी ऐसे हादसे खूब होते हैं। लेकिन, लोग अब भी चलती ट्रेन में चढ़ना नहीं छोड़ रहे। बुधवार को बिहार के पूर्णिया और औरंगाबाद से ऐसी खबरें आईं। दोनों घटनाएं एक सीख तो यह दे रहीं कि चलती ट्रेन में चढ़ना जानलेवा है। दूसरी सीख दोनों घटनाओं में जान बचाने की सोच और प्रयास से मिलती है।

आरपीएफ जवान ने देखा तो दूर से आकर खींच निकाला

पूर्णिया रेलवे स्टेशन का एक वीडियो फुटेज सामने आया है। धोती-कुर्ते में एक व्यक्ति कंधे को शॉल से ढंके हुए था, मगर दौड़कर ट्रेन में चढ़ गया। एक पैर चढ़ गया और दूसरा लटक गया। जिस समय वह लटपटाया, उस समय सामने प्लेटफॉर्म पर दो लोग बैठे थे और एक पुलिसकर्मी समेत दो लोग वहीं खड़े थे। इन पांचों से बहुत पीछे आरपीएफ का जवान संजीव कुमार सिंह थे। संजीव ने दूर से ही उसे लटपटाते देखा और दौड़ता आया। सोचने का समय नहीं था और बाकी लोग देख ही रहे थे, जबकि संजीव ने खींचते हुए उस आदमी को निकाल लिया। एक पैर ट्रेन के निचले हिस्से में और एक फ्लोर पर था, जिसके कारण रगड़ और चोट तो है लेकिन जान बच गई। हादसे का शिकार व्यक्ति अभी भी सदमे में है। कुछ भी बताने की स्थिति में नहीं है। घायल यात्री को रेलवे की मेडिकल टीम देख रही है।



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