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रिपोर्ट- अभिषेक रंजन
मुजफ्फरपुर. यदि कुछ कर गुजरने का जूनून और जज्बा हो तो समाज के लिए समर्पित भाव से कार्य करने में आपको कोई नहीं रोक सकता है. ऐसा ही कर दिखाया है मुजफ्फरपुर के होमी भाभा कैंसर हॉस्पिटल के चिकित्स्कों ने. भारतीय परमाणु ऊर्जा विभाग द्वारा मुजफ्फरपुर में पिछले 1 साल 10 महीने से बिना बिल्डिंग के प्रीफैबरीकेटेड स्ट्रक्चर्स में कैंसर अस्पताल चल रहा है.
एसकेएमसीएच मेडिकल कॉलेज परिसर में यह अस्पताल बिना बिल्डिंग के सिर्फ टेंट के स्ट्रक्चर में अब तक 42 हजार मरीजों का इलाज कर चुका है. साथ ही 12 हजार लोगों ने कीमोथेरेपी भी कराई है. इससे कहीं आगे बढ़कर मुजफ्फरपुर के इस अस्पताल ने अब तक 2 हजार कैंसर मरीजों का मेजर और माइनर ऑपरेशन भी कर चुका है. मुजफ्फरपुर का होमी भाभा कैंसर अस्पताल बिना बिल्डिंग के बिहार के सबसे बड़े कैंसर अस्पतालों में अपना नाम शुमार कर लिया है.
कैंसर के जिनोम सीक्वेंसिंग की भी सुविधा है उपलब्ध
मुजफ्फरपुर के होमी भाभा कैंसर अस्पताल में कैंसर के जिनोम सीक्वेंसिंग के साथ-साथ कई बड़ी सुविधाएं उपलब्ध है, जो बिहार के किसी अन्य अस्पताल में नहीं है. मुजफ्फरपुर होमी भाभा कैंसर अस्पताल के ऑफिसर इंचार्ज डॉ. रविकांत ने बताया कि बिना बिल्डिंग के हमने बहुत अच्छा परफॉर्मेंस देने का प्रयास किया है. डॉ. रविकांत बताते हैं कि मुजफ्फरपुर का होमी भाभा कैंसर अस्पताल कैंसर के मरीजों की जरूरत और गंभीरता को समझता है.
भारतीय परमाणु ऊर्जा विभाग संचालित करता है अस्पताल
डॉ. रविकांत ने बताया कि यह अस्पताल भारतीय परमाणु ऊर्जा विभाग द्वारा चलाया जा रहा है. इसलिए यहां के सभी डॉक्टर्स और स्टॉफ को सीधे परमाणु से ऊर्जा मिलती है. जो दिन-रात मरीजों की सेवा के लिए हमें तत्पर रखती है. उन्होंने बताया कि जिन मरीजों के पास इलाज कराने के लिए पैसों की कमी है, उनके लिए भी इस अस्पताल में बेहतर विकल्प है. मुजफ्फरपुर का होमी भाभा कैंसर अस्पताल अपने मरीजों को सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने के लिए एक स्पेशल काउंटर भी चलाता है.
मरीजों को वर्ल्ड क्लास सुविधा देने की है योजना
डॉ. रविकांत ने आगे बताया कि होमी भाभा कैंसर अस्पताल की आगामी कई योजनाएं हैं. इस अस्पताल का प्रयास है कि कैंसर के मरीजों में अधिक से अधिक कमी आए और जो कैंसर से पीड़ित है उन्हें वर्ल्ड क्लास सुविधा मुजफ्फरपुर में ही मिल पाए. अच्छा परफॉर्म करने के लिए हमें अच्छी बिल्डिंग नहीं बल्कि तत्परता और लगन की जरूरत थी, जो हमारे भीतर है. अब प्रीफैबरीकेटेड एक स्ट्रक्चर में ही हम कई बड़े इंफ्रास्ट्रक्चर वाले अस्पतालों को टक्कर दे रहे हैं.
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प्रथम प्रकाशित : 17 दिसंबर, 2022, शाम 7:39 बजे IST
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