Home Bihar टाइगर रिजर्व में लगी आग से हड़कंप, जानवरों के जलने की आशंका से वनकर्मी परेशान

टाइगर रिजर्व में लगी आग से हड़कंप, जानवरों के जलने की आशंका से वनकर्मी परेशान

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टाइगर रिजर्व में लगी आग से हड़कंप, जानवरों के जलने की आशंका से वनकर्मी परेशान

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पश्चिम चंपारण: वाल्मीकि नगर टाइगर रिजर्व में एक बार फिर आग लग गई है। जानकारी के मुताबिक शरारती तत्वों की ओर से ये आग लगाई गई है। आग बुझाने का काम जारी है। वनकर्मियों का कहना है कि आग की वजह से टाइगर रिजर्व के महत्वपूर्ण पेड़-पौधे जल जाते हैं। जानवरों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। आग लगने से पौधों को काफी नुकसान पहुंचता है। जंगल के छोटे-छोटे कई जानवर जलकर खाक हो जाते हैं। आग की लपटों में जड़ी-बूटी वाले पेड़-पौधे भी जल जाते हैं। उसके बाद संरक्षित जानवरों पर खतरा मंडराने लगता है। अभी हाल में एक सप्ताह पहले आग लगी थी, जिसे कड़ी मशक्कत के बाद बुझाया गया था।

आग लगने से जंगल को नुकसान

कहते है जंगल की शोभा उसकी झाड़ियों से होती है। आग लगने से जंगल झाड़ी मुक्त हो जाता है। बाघ को अपने शिकार तक पहुचने में कड़ी मेहनत करनी पड़ती है। बाघ झाड़ियों में छिप कर अपने शिकार हिरन के करीब तक पहुचता है। जंगल से लंगूर और बंदर संख्या काफी घट गई है। दस वर्ष पहले की तुलना में मोर की संख्या में भी भारी कमी आई है। हिरण, बंदर, भालू, फिसिंग कैट, जंगली कुत्ता, जंगली भैसा, मोर, लंगूर इत्यादि जनवरो की संख्या में भारी गिरावट दर्ज की जा रही है।

आग से परेशान जानवर

कई प्रजाति की छोटी बड़ी बिल्लियां जिसमे फिसिंग कैट की संख्या भी अच्छी खासी हुआ करती थी। भालू, जंगली कुत्ता इत्यादि अनेकों प्रकार के जनवरो से ये जंगल भरा हुआ था। वन के अधिकारी की मानें तो जंगल और जंगली जीव सब सुरक्षित है। पदाधिकारी भी मानते है कि जब जंगल मे आग लगती है तो जंगल का तापमान बढ़ जाता है। आग लगने से कितना हेक्टेयर जंगल प्रभावित हुआ है, इसका कोई आंकड़ा नहीं है। अधिकारी जंगल से दूर शहर में रहते हैं। आग लगने पर बुझाने का कोई साधन वनकर्मियों के पास नहीं होता है।

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बाघों की संख्या बढ़ रही है

वाल्मीकि टाइगर रिजर्व लगभग 900 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है। अभी तक आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है लेकिन VTR में 40 से 50 रॉयल बगल टाइगर की संख्या होने का अनुमान है। जिसकी गिनती चार वर्षो में होती है। 2022 की गिनती हो चुकी है जिसका वैज्ञानिक विधि से संख्या की घोषणा देहरादून स्थित संस्थान हो होना है। इस सेंचुरी में अनुमान है कि बाघों की संख्या में बृद्धि बहुत ही संतोषप्रद है। जो कि इस जंगल का एक सुखद पहलू है।
रिपोर्ट- नागेंद्र नारायण, बगहा

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