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हाइलाइट्स
23 साल के बाद घर लौटे रघुनंदन ठठेरा के घर लौटी खुशियां
जुए की लत और कर्ज से परेशान रघुनंदन घर छोड़ चला गया था नेपाल
घरवाले रघुनंदन की कर रहे थे श्राद्ध की तैयारी, पत्नी जी रही थी विधवा की जिंदगी
जमुई. बिहार के जमुई जिले से एक बड़ा ही अनोखा मामला सामने आया है. जमुई के भछियार मोहल्ले (Jamui Bhachiyar Locality) का रहने वाला एक शख्स 23 साल के बाद अपने घर लौटा है. घर लौटने के बाद शख्स के घर में खुशी का माहौल है, जहां लोग मिठाइयां खिलाकर खुशी मना रहे हैं. घर लौटने के बाद वह शख्स खुशियां अपने परिवार के सदस्यों के साथ मना ही रहा है बल्कि मोहल्ले में घूम-घूम कर अपने दोस्तों से भी मिल रहा है. दरअसल भछियार के रहने वाले रघुनंदन ठठेरा जो बर्तन का रोजगार करता था, जुए की लत और कर्ज के कारण 23 साल पहले भरा पूरा परिवार और घर छोड़कर नेपाल चला गया था.
घर छोड़कर नेपाल गए रघुनंदन ने वहां भी बर्तन का ही रोजगार किया. अब 23 साल के बाद जब उम्र 70 की हो गई तब वह घर लौटा है. घर छोड़कर अचानक जाने के बाद रघुनंदन ठठेरा की पत्नी गौरी लगभग ढाई दशक तक विधवा की तरह जिंदगी जी रही थी. उसकी पत्नी तमाम झंझावतो को झेलते हुए चार बेटे और एक बेटी का पालन पोषण करते उसकी शादी ब्याह की. गौरी के पति के लौटने के साथ उसकी खुशियां भी लौट गई है.
आशीर्वाद स्वरूप भेंट कर रहे हैं नेपाली करेंसी
बताया जा रहा है कि रघुनंदन के घरवाले कई बार उसकी श्राद्ध की भी तैयारी की, एक बार फिर वह क्रिया-कर्म की तैयारी में जुटे थे, तब तक उनके परिवार का मुखिया घर आ गया. रघुनंदन जब घर छोड़ कर गया था तब उसके चार बेटे और तीन बेटियां थी, तब तक उसकी तो बड़ी बेटी की शादी तो हो चुकी थी. लेकिन बाकी बच्चे छोटे थे, अब उसके परिवार में 40 से ऊपर सदस्य है, जो रघुनंदन के लौटने पर खुशियां मना रहे हैं. घर लौटे रघुनंदन अपने पोते-पोतियों को नेपाली करेंसी देकर उन्हें आशीर्वाद दे रहे हैं. परिवार के लोग एक दूसरे को मिठाईयां खिलाकर खुशियां मना रहे है.
23 सालों तक विधवा बनकर रही पत्नी
23 साल के बाद घर लौटे रघुनंदन ठठेरा ने बताया कि जुए की बुरी आदत और कर्ज के कारण वह घर छोड़कर नेपाल चला गया था, जहां वह बर्तन का रोजगार करने लगा. बाद में उसके परिवार की जब चिंता सताने लगी और परिवार के लोगों के बारे में बुरे- बुरे सपने देखने लगा, तब वह घर लौटा, जुआ खेलने की बुरी आदत के कारण उसका वह हाल हुआ था और वह मानसिक रूप से परेशान हो चुका था. आज घर लौटने के बाद उसकी खुशियां उसे मिल गई. रघुनंदन की पत्नी गौरी देवी जो 23 साल से विधवा की जिंदगी जी रही थी उसका कहना था कि पति के घर से भाग जाने के बाद उसके लौटने की उम्मीद वह नहीं रखी थी, किसी तरह गुजारा बसर कर अपने बच्चों को पाल-पोस कर बड़ा किया.
जब नेपाल गया तब 10 साल का था बेटा
रघुनंदन का बेटा सुबोध ने बताया कि जब उसका पिता उसे छोड़ कर गया था उसकी उम्र 10 साल थी आज वह 33 साल का है, हम लोग कई बार पिताजी के श्राद्ध की तैयारी भी कर रखी थी कि लेकिन मन नहीं मानता था, फिर भी लोगों के कहने पर इस बार सोचा गया था कि श्राद्ध कर दिया जाएगा और उसकी तैयारी की जा रही थी, तभी उसके पिता घर लौट आए यह भगवान का आशीर्वाद है.
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पहले प्रकाशित : 21 जनवरी, 2023, 13:52 IST
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