Home Bihar जीतनराम ने तेजस्वी से की शराब खोलवाने की पेशकश, कहा – विदेशी मुद्रा का हो रहा नुकसान

जीतनराम ने तेजस्वी से की शराब खोलवाने की पेशकश, कहा – विदेशी मुद्रा का हो रहा नुकसान

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जीतनराम ने तेजस्वी से की शराब खोलवाने की पेशकश, कहा – विदेशी मुद्रा का हो रहा नुकसान

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जीतनराम मांझी ने तेजस्वी से की शराब खोलवाने की पेशकश, कहा - विदेशी मुद्रा का हो रहा नुकसान

जीतनराम मांझी ने तेजस्वी से की शराब खोलवाने की पेशकश, कहा – विदेशी मुद्रा का हो रहा नुकसान
– फोटो : AMAR UJALA DIGITAL

विस्तार

जीतनराम मांझी ने तेजस्वी यादव से बिहार में शराब खोलवाने की पेशकश की है। जीतनराम मांझी ने पर्यटकों के बहाने तेजस्वी को इशारा करते हुए कहा कि आप मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को कहिए कि वो शराब खोलवा दें। उन्होंने कहा कि पर्यटक यहाँ आते हैं और कुछ समय के बाद यहाँ से चले जाते हैं, यहाँ नहीं ठहरते हैं, तो सवाल यह है कि आखिर वो यहाँ क्यों नहीं ठहरते ? क्यों कि हमने उनके रहने और खाने की व्यवस्था नहीं की इसलिए वे चले जाते हैं। उनके जाने से हमें विदेशी मुद्रा का नुकसान होता है । दरअसल गया में हो रहे एक कार्यक्रम में उन्होंने तेजस्वी यादव को इशारों ही इशारों में शराब पर से प्रतिबंध हटाने की मांग करने लगे । उन्होंने कहा कि तेजस्वी जी आप नीतीश जी से कहिए  कि आप शराब पर से प्रतिबन्ध हटा लीजिए । ऐसा आप भी उनसे कहिये और मैं भी अंदर ही अंदर से कहूँगा। उन्होंने यह भी कहा कि आपने जो इस पर प्रतिबन्ध लगा दिया है न इसी को कहते हैं- अति सर्वत्र वर्जयेत .यानी अगर नीम्बू को ज्यादा ऐंठ दीजियेगा तो वह तीता हो जाता है। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि मेरे कहने का तात्पर्य यह है कि अगर आप गया और बिहार में पर्यटन को आगे बढ़ाना चाहते हैं तो उस “चीज” के बिना यह सब फीका है। अगर वह काम यहाँ छुट जाय यानी शराबबंदी ख़त्म हो जाय तो हमारा बोध गया दस गुना आगे बढ़ जाएगा|। उन्होंने लॉ एंड आर्डर की तारीफ़ करते हुए कहा कि यहाँ तो शांति है ही वैसे यहाँ के लोग भी विदेशी सैलानियों का आदर सत्कार तो करते ही हैं कोई अगर इधर उधर करेगा तो भारती जी यहाँ एसएसपी हैं ही वैसे लोगों को धुन कर घर भेज देते हैं| विदेशी सैलानियों के संबंध में उन्होंने कहा कि वे लोग बाहर से जहाज से आते हैं और चले जाते हैं चतरा|, सुने हैं कि चतरा बॉर्डर पर झारखण्ड में एक बड़ा होटल खुला है ,सभी वहीँ चले जाते हैं ,क्यों भाई यहां का पैसा वहां क्यों चला जाता है यह बात सोचिये तेजस्वी बाबू।

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