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पटना. अब जबकि लगभग यह स्पष्ट हो चुका है कि बिहार में सरकार जातीय जनगणना (Caste Census In Bihar) करवाएगी तो सियासतदानों के बीच इसका क्रेडिट लेने की होड़ मच गई है. शनिवार को बिहार विधानसभा स्थित स्मृति स्मारक का निरीक्षण करने पहुंचे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) से पत्रकारों ने पूछा कि जातिगत गणना पर क्रेडिट लेने की होड़ मची हुई है. इसके जवाब में सीएम नीतीश ने कहा कि हम वर्ष 1990 में ही इसे उठा चुके हैं, लेकिन तब इस मुद्दे पर सहमति नहीं बन पाई थी और मामला दब गया था. मगर अब सभी लोगों (राजनीतिक पार्टियों) ने मिल बैठ कर यह निर्णय लिया है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि सर्वसम्मिति से यह फैसला लिया गया है कि बिहार सरकार खुद अपने बूते जातिगत गणना कराएगी. उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर किसी भी पार्टी ने विरोध नहीं किया. उन्होंने एक बार फिर यह दावा किया कि बिहार में जातीय जनगणना बहुत अच्छे से होगी. सभी लोगों की गणना की जाएगी, आर्थिक गणना भी होगी. ऐसी गणना होगी जिससे किसी को शिकायत नहीं होगी.
सीएम नीतीश कुमार ने बताया कि विभाग के द्वारा जातीय गणना को लेकर तैयारियां शुरू कर दी गई हैं. काम शुरू होने में एक महीने का समय लगेगा, लेकिन जो भी काम होगा बहुत अच्छे से होगा. उन्होंने कहा कि सभी लोगों की सहमति से यह गणना की जा रही है और निश्चित तौर पर इससे लोगों को बहुत फायदा होगा. हम काफी पहले इस मामले को उठा चुके थे.
वहीं, मुख्यमंत्री से जब यह पूछा गया कि बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने रोहिंग्या मुस्लिमों की गणना का मुद्दा उठाया है. इस पर नीतीश कुमार ने मुस्कुरा कर सवाल को टाल दिया और पता नहीं कह कर चल दिए.
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प्रथम प्रकाशित : जून 04, 2022, 13:08 IST
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