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सार
बिहार विधानसभा में सत्र के दौरान विपक्षी सदस्य जहरीली शराब से मरने वालों के लिए शोक प्रस्ताव और उनके परिजनों को मुआवजा दिलाने की मांग पर नारेबाजी, तालीबाजी से लेकर टेबल पटकापटकी करते रहे, मगर सरकार अपने स्टैंड पर कायम रही।
मुआवजा की मांग पर विधानसभा में जमकर हंगामा हुआ।
– फोटो : अमर उजाला
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विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता विजय कुमार सिन्हा तो हमलावर थे ही, रविवार को पूर्व उप मुख्यमंत्री और राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने शराबबंदी कानून के प्रावधानों के साथ सरकार को ऐसा घेरा कि सोमवार को बिहार विधानसभा का प्रात:कालीन सत्र ‘मुआवजा पर कुर्बान’ हो गया। विधानसभा अध्यक्ष शांत कराने की कोशिश करते रहे तो विपक्षी सदस्य जहरीली शराब से मरने वालों के लिए शोक प्रस्ताव और उनके परिजनों को मुआवजा दिलाने की मांग पर नारेबाजी, तालीबाजी से लेकर टेबल पटकापटकी तक करते रहे। कोई समाधान नहीं देख मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आबकारी मंत्री सुनील कुमार को आगे आकर सबकुछ साफ करने कहा। सुनील कुमार ने कहा कि शराब माफिया से जुर्माना वसूलकर मुआवजा देने का प्रावधान है। एक्ट के तहत सरकार को कोई मुआवजा नहीं देना है। बाद में मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि शराबबंदी के बारे में कौन, क्या सोच रहा है, इसपर सर्वे करा रहा हूं।
वाम दलों ने भी किया हंगामा, मगर शायद अब नहीं करें
सत्ता के साथ रहे वामदलों ने भी जहरीली शराब से मरने वालों में गरीब, वंचित, पिछड़ों की ज्यादा संख्या को देखते हुए सरकार के खिलाफ स्टैंड दिखाया। सोमवार को भाजपा विधायक जहां जय श्री राम का नारा लगाते हुए सरकार को सदन चलाने के लिए मुआवजा की घोषणा के लिए बाध्य करने को प्रयासरत रहे, वहीं वामदलों के सदस्य सदन के अंदर मृतकों को मुआवजा दिलाने की मांग पर विपक्ष के साथ नजर आए। वामपंथी विधायकों ने बाहर आकर पोस्टरों के साथ प्रदर्शन भी किया। हालांकि, इसके बाद वामदल विधायकों को कोई संदेश मिला और वह अंदर चले गए। कहा जा रहा है कि मुख्यमंत्री ने उन्हें बुलाकर समझाया है कि वह भाजपा का साथ नहीं दें। माना जा रहा है कि उन्होंने किसी दूसरे रास्ते से भी मुआवजा दिलाने की बात मुख्यमंत्री से की है।
वर्तमान और पूर्व विस अध्यक्ष में ठनी, कार्यवाही स्थगित
विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा अब नेता प्रतिपक्ष हैं और सामने कुर्सी पर वर्तमान अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी। दोनों में पहले दिन से जमकर कहासुनी हो रही है। चौधरी एक तरफ सदन नहीं चलने देने के आरोप में कार्रवाई की बात करते रहे तो दूसरी तरफ सिन्हा ने कहा कि आप बधाई के पात्र हैं, जो 50 मिनट के भाषण में मुझे 113 बार टोका। सिन्हा ने कहा कि जदयू के उस सदस्य को मेरा रिश्तेदार बताया जा रहा है, जिसके पास शराब बरामद हुई है। सदन में हंगामा नियंत्रित नहीं होने की स्थिति में विधानसभा अध्यक्ष ने दोपहर बाद दो बजे तक के लिए कार्यवाही स्थगित कर दी है।
विस्तार
विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता विजय कुमार सिन्हा तो हमलावर थे ही, रविवार को पूर्व उप मुख्यमंत्री और राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने शराबबंदी कानून के प्रावधानों के साथ सरकार को ऐसा घेरा कि सोमवार को बिहार विधानसभा का प्रात:कालीन सत्र ‘मुआवजा पर कुर्बान’ हो गया। विधानसभा अध्यक्ष शांत कराने की कोशिश करते रहे तो विपक्षी सदस्य जहरीली शराब से मरने वालों के लिए शोक प्रस्ताव और उनके परिजनों को मुआवजा दिलाने की मांग पर नारेबाजी, तालीबाजी से लेकर टेबल पटकापटकी तक करते रहे। कोई समाधान नहीं देख मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आबकारी मंत्री सुनील कुमार को आगे आकर सबकुछ साफ करने कहा। सुनील कुमार ने कहा कि शराब माफिया से जुर्माना वसूलकर मुआवजा देने का प्रावधान है। एक्ट के तहत सरकार को कोई मुआवजा नहीं देना है। बाद में मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि शराबबंदी के बारे में कौन, क्या सोच रहा है, इसपर सर्वे करा रहा हूं।
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