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भागलपुर में चार की मौत
होली के एक दिन बाद शनिवार को भागलपुर के साहेबगंज इलाके में चार लोगों की मौत जहरीली शराब पीने से हो गई। भागलपुर में मृतकों की पहचान विनोद राय, संदीप यादव, नीलेश कुमार, मिथुन कुमार के रूप में की गई है। चारों एक ही गांव के रहने वाले थे। वहीं, अपनी ससुराल में आए अभिषेक कुमार की जहरीली शराब पीने से आंख की रोशनी चली गई। उसका मायागंज अस्पताल में इलाज जारी है। साहेबगंज में अभिषेक कुमार का ससुराल था।
मृतकों के परिजनों का कहना है कि सभी की मौत शराब पीने से हुई है। सभी का बुरा हाल है। पूरे गांव में मातम का माहौल छाया है। वहीं, इन लोगों की मौत से नाराज ग्रामीणों ने साहेबगंज चौक पर जाम लगा दिया और जमकर हंगामा काटा। जिसके बाद मौके पर बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है। घटना के बारे में बताते हुए DSP प्रकाश कुमार ने कहा कि अभी तक तीन लोगों की मौत की पुष्टि हुई है। हालांकि, मौत के कारण के बारे में उन्होंने कुछ भी बोलने से इंकार कर दिया।
मधेपुरा में हुई तीन लोगों की मौत
भागलपुर के अलावा बिहार के मधेपुरा जिले के मुरलीगंज थाना क्षेत्र में भी जहरीली शराब के कारण तीन लोगों की मौत का मामला सामने आया है। यहां गांव के कई लोग बीमार भी हुए हैं, जिनका मुरलीगंज पीएचसी और जेएनकेटी मेडिकल कॉलेज में इलाज चल रहा है। मधेपुरा के केस में परिजन और पुलिस कुछ भी बोलने से बच रहे है। मधेपुरा में रात में बिना किसी का पोस्टमार्टम कराए तीनों शवों का अंतिम संस्कार भी कर दिया गया। वहीं शराब को लेकर पुलिस का सर्च अभियान इलाके में लगातार जारी है। कहा जा रहा है कि सभी लोगों ने किसी एक ही व्यक्ति से ही शराब खरीदी है।
बांका में 6 लोगों की मौत
भागलपुर और मधेपुरा के अलावा बांका जिले में भी जहरीली शराब के कारण मौतों का तांडव मचा हुआ है। यहां के अमरपुर थाना इलाके में जहरीली शराब से 6 लोगों की मौत हो गई। मृतकों के नाम रघुनंदन पोद्दार उम्र 60 वर्ष ,राजा तिवारी, संजय शर्मा, सुमित कुमार 19 वर्ष , आशीष कुमार 26 वर्ष , विजय शाह ,राहुल सिंह उम्र 22 वर्ष, राजू मंडल पवैय है। होली के दौरान ये सभी शराब पार्टी में शामिल हुए थे। जिसके बाद सभी की तबीयत बिगड़ने लगी और इलाज के दौरान सभी की मौत हो गई। वही, कुछ लोगों का अभी भी इलाज चल रहा है।
बिहार में 2016 में की गई थी शराबबंदी
गौरतलब है कि बिहार सरकार ने 2016 में शराबबंदी कानून लागू किया गया था। कानून के तहत शराब की बिक्री, पीने और बनाने पर प्रतिबंध है। शुरुआत में इस कानून के तहत संपत्ति कुर्क करने और उम्र कैद की सजा तक का प्रावधान था, लेकिन 2018 में संशोधन के बाद सजा में थोड़ी छूट दी गई थी। बिहार में शराबबंदी कानून लागू होने के बाद से बिहार पुलिस मुख्यालय के आंकड़ों के मुताबिक, अब तक मद्य निषेध कानून उल्लंघन से जुड़े करीब 3 लाख से ज्यादा मामले दर्ज हुए हैं।
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