Home Bihar जहरीली शराब कांड का मास्टरमाइंड निकला ‘डॉक्टर’, उत्तर प्रदेश में जुड़ रहा कनेक्शन

जहरीली शराब कांड का मास्टरमाइंड निकला ‘डॉक्टर’, उत्तर प्रदेश में जुड़ रहा कनेक्शन

0
जहरीली शराब कांड का मास्टरमाइंड निकला ‘डॉक्टर’, उत्तर प्रदेश में जुड़ रहा कनेक्शन

[ad_1]

सारण: छपरा जहरीली शराब कांड के पीछे प्रतिबंधित होम्योपैथिक दवाओं की खेप को खपाने का खेल सामने आया है। पुलिस ने इसुआपुर के डोईला गांव में छापेमारी कर भारी मात्रा में प्रतिबंधित दवाओं की खेप बरामद किया है। एसपी संतोष कुमार ने इस कांड का खुलासा करते हुए होम्योपैथिक दवाओं के इस्तेमाल से इस घटना के होने का दावा किया है। पलिस ने इस मामले में शामिल पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार लोगों में संजय महतो, शैलेंद्र राय, सोनू कुमार गिरी, अर्जुन महतो और राजेश सिंह उर्फ डॉक्टर का नाम शामिल है। राजेश सिंह उर्फ डॉक्टर जलालपुर थाना क्षेत्र के नूरनगर गांव का रहने वाला बताया जा रहा है जो होम्योपैथिक दवाओं में मिलावट कर शराब बनाकर सप्लाई कर रहा था।

बता दें कि 13 और 14 दिसंबर को इसुआपुर और मसरक और आसपास के इलाकों में जहरीली शराब पीने से कई लोगों की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी। इस मामले में पुलिस अनुसंधान में यह बात सामने आई है कि राजेश सिंह विभिन्न होम्योपैथिक दवा और केमिकल को मंगाता था। उत्तर प्रदेश के विभिन्न शहरों से ट्रांसपोर्ट और अन्य माध्यमों से फर्जी नाम और पता पर मंगाया जाता था। इनसे शराब का निर्माण कर आपूर्ति की जाती थी। राजेश सिंह और उसके सहयोगी सोनू गिरी एक स्कॉर्पियो से होम्योपैथिक दवा को ले जाकर शराब का निर्माण करते थे। फिर उसकी सप्लाई भी करते थे। जांच में यह सामने आया है कि राजेश सिंह हरियाणा में बतौर कंपाउंडर काम करता था और वहां स्पिरिट और होम्योपैथिक दवा से शराब बनाने का गुर सीखकर गांव में आया था और यहां शराबबंदी के बाद यह धंधा कर रहा था।

बताया जा रहा है कि राजेश सिंह के सहयोगी संजय महतो भी शराब पीकर बीमार हो गए थे, जिनके घर इसुआपुर के डोईला में जब जांच की गई तो कई तरह की होम्योपैथिक दवा और रसायन की सैकड़ों खाली बोतलें बरामद हुई थी। जिसके बाद पुलिस को इस पूरे मामले में एक नया एंगल मिला। जब जांच की गई तो होम्योपैथिक दवा से शराब निर्माण के काले धंधे का खुलासा हुआ। संजय महतो के निशानदेही पर बरामद होम्योपैथिक दवाओं को जांच के लैब भेजा गया है। इस मामले में अवैध स्पिरिट सप्लाई और अन्य मामलों में राजेश और शैलेंद्र राय कई बार जेल जा चुके हैं। हालांकि जेल से छूटने के बाद दोनों फिर इसी काम में शामिल हो जाते थे। इस कांड में संजय महतो शराब पीकर बीमार होने के बाद निजी अस्पताल में इलाज कराया और स्वस्थ होकर घर लौटा, जिसे पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।

एसआईटी की टीम ने संजय महतो से सघन पूछताछ की। पूछताछ के दौरान खुलासा हुआ कि डॉक्टर उर्फ राजेश और शैलेंद्र राय और उसके अन्य सहयोगी होम्योपैथिक दवा और रसायन की बोतल लाकर शराब का निर्माण करते थे। फिर विभिन्न वेंडरों के जरिए अलग-अलग इलाकों में उसका वितरण करते थे। होम्योपैथिक दवा और केमिकल से तैयार शराब संजय महतो द्वारा भी सेवन किया गया था। संजय महतो ने बताया कि शराब के सेवन के कुछ घंटे बाद उन्हें बेचैनी और अन्य समस्या होने लगी। इधर-उधर से भी खबर आने लगी की इनके द्वारा बेची गई शराब से कई लोग बीमार पड़ रहे हैं और मृत्यु हो रही। पूछताछ में यह भी बात सामने आई है कि राजेश सिंह उर्फ डॉक्टर द्वारा पूर्व से ही होम्योपैथिक दवा और रसायन में चीनी जलाकर उसे भूरा रंग दिया जाता था और अंग्रेजी शराब के डिब्बे में डालकर बेचा जाता था।

[ad_2]

Source link

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here