Home Bihar जलमार्ग परियोजना: पहली बार अंतरराष्ट्रीय जलमार्ग से जुड़ा पटना, 200 टन खाद्यान्न लेकर जहाज बांग्लादेश के रास्ते गुवाहाटी के लिए रवाना

जलमार्ग परियोजना: पहली बार अंतरराष्ट्रीय जलमार्ग से जुड़ा पटना, 200 टन खाद्यान्न लेकर जहाज बांग्लादेश के रास्ते गुवाहाटी के लिए रवाना

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जलमार्ग परियोजना: पहली बार अंतरराष्ट्रीय जलमार्ग से जुड़ा पटना, 200 टन खाद्यान्न लेकर जहाज बांग्लादेश के रास्ते गुवाहाटी के लिए रवाना

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पटना3 घंटे पहले

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पटना सिटी में एमवी लाल बहादुर शास्त्री जहाज को रवाना करने के मौके पर केंद्रीय मंत्री सर्वानंद सोनेवाल, शांतनु ठाकुर, अश्विनी चौबे, उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद, रेणु देवी। साथ में हैं सांसद रविशंकर प्रसाद, नंदकिशोर यादव और पटना की मेयर सीता साहू। - Dainik Bhaskar

पटना सिटी में एमवी लाल बहादुर शास्त्री जहाज को रवाना करने के मौके पर केंद्रीय मंत्री सर्वानंद सोनेवाल, शांतनु ठाकुर, अश्विनी चौबे, उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद, रेणु देवी। साथ में हैं सांसद रविशंकर प्रसाद, नंदकिशोर यादव और पटना की मेयर सीता साहू।

केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी जलमार्ग परियोजना के तहत पटना पहली बार अंतरराष्ट्रीय जलमार्ग से जुड़ गया। शनिवार को गायघाट स्थित भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण से 200 टन खाद्यान्न लेकर मालवाहक जहाज बांग्लादेश के रास्ते गुवाहाटी के लिए रवाना हुआ। इसके साथ ही सारण जिला स्थित कालू घाट में अंतरराष्ट्रीय हाई लेवल बंदरगाह का शिलान्यास भी हुआ।

शनिवार केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल और वीसी से जुड़े पीयूष गोयल ने इसे हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। एमवी लाल बहादुर शास्त्री जहाज बंग्लादेश के रास्ते गुवाहाटी के पांडु टर्मिनल तक 25 दिन में पहुंचेगा। कार्यक्रम में वीडियो कांफ्रेंसिंग से ऑनलाइन जुड़े बांग्लादेश के मंत्री खालिद महमूद चौधरी ने इसे सराहनीय बताया। कहा कि इससे भारत-बांग्लादेश के संबंध और बेहतर होंगे।

दूरी 2350 किमी, समय लगेंगे 25 दिन

क्या नियमित रूप से अब यहां से मालवाहक जहाज गुजरेंगे?
हां, अब नियमित तौर पर इस रास्ते से मालवाहक जहाजों की आवाजाही हो पाएगी।

क्या यह सुविधा पहली बार बिहार को मिल रही है?
बांग्लादेश के रास्ते पूर्वोत्तर राज्यों के लिए यह सुविधा पहली बार ही है। पहले इलाहाबाद से हल्दिया तक जहाज चलती थी।

बिहार को क्या लाभ होगा?
बिहार से पूर्वोत्तर के राज्यों के बीच वाणिज्य-व्यापार सुगम होगा,वस्तुओं का ट्रांसपोर्टेशन कॉस्ट कम होगा,वस्तुओं को बंगलादेश तक पहुंचना सुगम होगा

जहाज किस रूट से जाएगा?
यह पटना, भागलपुर, साहिबगंज, फरक्का, त्रीवेणी, कोलकता, हल्दिया, हेमगनर, (इंडो-बंगलादेश प्रोटोकॉल के तहत) खुलना, नारायणगंज, सिराजगंज, चिलमारी, धुब्री और जॉगीघोपा रूट से असम पहुंचेगी। पूरी दूरी 2350 किमी है इसे तय करने में 25 दिन लगेंगे।

बिहार को क्या पोर्ट की सुविधा भी सुलभ होगी?
बिहार एक लैंड लॉक्ड स्टेट है। इस जलमार्ग के शुरू होने से बिहार बांग्लादेश से जुड़ गया है। अब आने वाले समय में बांग्लादेश के पोर्ट की सुविधा अंतरराष्ट्रीय व्यापार के लिए बिहार में उत्पादित सामानों के लिए मिल सकती है।

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