Home Bihar जब तक Lalu Yadav की तबीयत खराब, तब तक Nitish Kumar की कुर्सी सेफ? जानिए क्यों

जब तक Lalu Yadav की तबीयत खराब, तब तक Nitish Kumar की कुर्सी सेफ? जानिए क्यों

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जब तक Lalu Yadav की तबीयत खराब, तब तक Nitish Kumar की कुर्सी सेफ? जानिए क्यों

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पटना: बिहार में सीएम की कुर्सी उस आम की तरह हो गई है, जो गिरते हुए सिर्फ दिखती है, मगर गिरती नहीं है। कई लोग बिना पलक झपकाएं टकटकी लगाए हैं कि किसी तरह लोक लेना है। इसलिए आजकल नीतीश कुमार (Nitish Kumar) और उनकी सरकार को लेकर कई तरह की भविष्यवाणियां की जा रही है। मगर इन सबसे दूर नीतीश कुमार राज्य के अलग-अलग जिलों में जाकर विकास कार्यों को देख रहे हैं। समाधान यात्रा पर हैं। कभी-कभी डिप्टी सीएम तेजस्वी (तेजस्वी यादव) भी उनके साथ हो लेते हैं। वहीं, पटना में बीजेपी के नेता अलग-अलग इश्यू पर मीडिया में बयान दे रहे हैं। माहौल ऐसा बना रहे हैं कि महागठबंधन सरकार किसी भी दिन गिर जाएगी। मगर ये इतना आसान नहीं है। ये सबकुछ लालू यादव (Lalu Yadav) की तबीयत कैसी है, इस पर टिका हुआ है। लालू परिवार कभी नहीं चाहेगा कि किसी भी सूरत में उसके हाथ से सत्ता निकल जाए। ऐसे में नीतीश कुमार को छेड़ने का जोखिम लालू या फिर तेजस्वी यादव नहीं उठाएंगे।

ऊपरी लेवल पर फेविकॉल का जोड़!

‘कुछ लोग लगे हुए हैं कि किसी तरह कुछ हो जाए, लोग लगे हुए हैं। इन लोगों को पता नहीं है, कुछ भी कर लें, महागठबंधन टूटने का सवाल ही पैदा नहीं होता। मार्केट में तरह-तरह की बातें चलाई जा रही है। हमलोग जान रहे हैं, कौन क्या है? रामचरित विवाद पर कुछ इस तरह तेजस्वी ने अपनी प्रतिक्रिया मीडिया में दी थी। दरअसल, शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने कहा था कि ‘ये जो ग्रंथ नफरत को बोने वाले- एक युग में मनुस्मृति, दूसरे युग में रामचरितमानस, तीसरे युग में गुरु गोलवलकर की बंच ऑफ थॉट्स, ये हमारे देश में नफरत फैलाती है।’ इस बयान के बाद बिहार में सियासी भूचाल आ गया। बीजेपी को बैठे-बिठाए मुद्दा मिल गया।

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आरजेडी और जेडीयू के नेताओं में तलवारें खींच गई तो तेजस्वी ने महागठबंधन बनाने की शर्तों की याद दिला दी। उन्होंने कहा कि ‘बीजेपी माइंडसेट के जो लोग हैं, इस तरह का साजिश कर रहे हैं। महागठबंधन जब से बना है, तब से हमलोगों का उद्देश्य है नौकरी और जातीय जनगणना। जो हमलोगों का कमिटमेंट था, उस दिशा में हमलोग काम कर रहे हैं तो फिर से ये लोग साजिश रच रहे हैं। साजिश रचने में ये लोग क्या-क्या करेंगे, मुख्यमंत्री जी और हमलोग अच्छी तरीके से जान रहे हैं।’

JDU नेताओं को तेजस्वी की चेतावनी?

एक तरह से तेजस्वी यादव ने जेडीयू के वैसे नेताओं को चेतावनी देते हुए कहा कि ‘शीर्ष नेता लालू प्रसाद जी और नीतीश कुमार जी ने मिल कर महागठबंधन बनाया था। दोबारा बना है तो बीजेपी को 2024 का डर है। बिहार की जनता लालू जी और नीतीश जी के साथ हैं। कुछ बयानबीर नेता आजकल चर्चित हो रखे हैं, उनके साथ जनता थोड़ी न है? जनता केवल लालू जी और नीतीश जी के साथ है। राष्ट्रीय अध्यक्ष ने हमको सिखाया है कि विवेक और धैर्य भी मजबूती है। ताकत है। हमलोग धैर्य रखनेवाले लोग हैं। विवेक से काम करनेवाले लोग हैं। इनकी साजिशों का हम सब लोगों को पता है कि भाजपा क्या करेगी क्या नहीं करेगी?’

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मतलब तेजस्वी यादव के पास ये धैर्य और विवेक तब तक तो जरूर रहेगा, जब तक आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव ठीक नहीं हो जाते। फिलहाल वो सिंगापुर में किडनी ट्रांसप्लांट के बाद डॉक्टरों की देखरेख में हैं। नीतीश कुमार पहले ही बोल चुके हैं कि 2025 तक वो सीएम की कुर्सी पर बने रहना चाहते हैं। अब आरजेडी पर निर्भर करता है कि वो इस रिश्ते को किस तरह निभाना चाहती है। चूंकि लालू परिवार को सीएम की कुर्सी से ज्यादा सत्ता के पावर की जरूरत है।

रामचरितमानस के मुद्दे पर हो गया पैचअप!

हाल के दिनों में रामचरितमानस पर आरजेडी कोटे के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर यादव के बयान की वजह से अनकम्फर्टेबल सिचुएशन जरूर पैदा हो गए थे। बिहार बीजेपी ने इसे सड़क और कोर्ट दोनों जगहों पर मुकाबला कर रही है। उसके निशाने पर सीधे-सीधे नीतीश कुमार हैं। कुछ जेडीयू के नेता भी मंदिर में रामचरितमानस का पाठ करते नजर आए। आरजेडी के बड़े नेताओं से सफाई मांगे। वहीं, नीतीश कुमार ने कहा कि ‘ये बहुत गलत बात है। धार्मिक मामलों में बहस नहीं होनी चाहिए। अपने-अपने धर्मों को मानने के लिए सभी को अधिकार है। शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर की ओर माफी नहीं मांगने के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि ये बहुत गलत बात है। उनकी पार्टी के लोगों ने ही सभी बातों को कह दिया है।’ इसके बाद भोजपुर के समाधान यात्रा में अगले दिन नीतीश कुमार के साथ तेजस्वी यादव नजर आए। माना जा रहा है कि दोनों पार्टियों में पैचअप हो चुका है।

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