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नेपाल से आते हैं भक्त
यहां उत्तर प्रदेश से लेकर नेपाल तक का भक्त मां का दर्शन करने आते हैं और असाध्य पीड़ा से मुक्ति पाकर अपने घर जाते हैं। इसे अंधविश्वास भी कहा जा सकता है, लेकिन लोगों की मान्यता है कि भूत, चुड़ैल और डायन के कब्जे से भी लछवार माई मुक्ति दिलाती हैं। चैत्र नवरात्र में यहां पर अजब का नजारा देखने को मिलता है। मंदिर परिसर में महिला जोर-जोर से अपना सिर हिला रही है तो कहीं कोई महिला पेड़ पर झूल रही है और तो कहीं पुरुष झूम रहे हैं। मान्यता है कि यहां की मिट्टी के स्पर्श मात्र से भूत प्रेत भाग जाते हैं। यहां का भभूत भी काफी महत्व रखता है।
सभी पीड़ा होती है दूर-पुजारी
लछवार मंदिर के पुजारी ललका बाबा भी कहते हैं कि यहां आने वाले श्रद्धालुओं की सभी पीड़ा समाप्त हो जाती है। उन्होंने बताया कि नवरात्र के छठे दिन विशेष पूजा अर्चना होती है। सप्तमी, अष्टमी को यहां आने वाले भक्तों को उनकी तमाम समस्याओं से मुक्ति मिल जाती है, इसीलिए दूरदराज से भक्त यहां जमा होते हैं । मान्यता है कि यहां मिट्टी के स्पर्श मात्र से प्रेत आत्माएं शरीर छोड़ जाती हैं। यहां आने वाले श्रद्धालु को यहां पूरी आस्था है।
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