Home Bihar चिराग पासवान ने हवा दी… बीजेपी ने माहौल बनाया, कुढ़नी में ‘बंदी भंवर’ में डूब गई नीतीश की नैया!

चिराग पासवान ने हवा दी… बीजेपी ने माहौल बनाया, कुढ़नी में ‘बंदी भंवर’ में डूब गई नीतीश की नैया!

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चिराग पासवान ने हवा दी… बीजेपी ने माहौल बनाया, कुढ़नी में ‘बंदी भंवर’ में डूब गई नीतीश की नैया!

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Bihar Politics: लोक जनशक्ति पार्टी ( रामविलास ) प्रमुख चिराग पासवान ने बीजेपी के लिए कुढ़नी में प्रचार प्रसार किया था। अपने प्रचार-प्रसार के दौरान उन्होंने शराबबंदी और ताड़ीबंदी को मुद्दा बना दिया था। कहा तो ये भी जा रहा है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जब कुढ़नी में प्रचार करने गए थे तो उनका विरोध भी हुआ, जिसका फायदा बीजेपी ने उठाया और कुढ़नी का किला फतह कर लिया।

पटना: मुजफ्फरपुर जिले के कुढ़नी विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में नीतीश कुमार ( Nitish Kumar ) की पार्टी की करारी हार हुई है। सत्ताधारी महागठबंधन के प्रत्याशी की हार के बाद जेडीयू इसकी समीक्षा की बात भले कर रही है, लेकिन इस परिणाम के बाद विपक्षी दल उत्साहित हैं। कहा तो ये भी जा रहा है कि लोक जनशक्ति पार्टी ( रामविलास ) प्रमुख चिराग पासवान ( Chirag Paswan ) ने जिस मुद्दे को कुढ़नी में हवा दी, उसी से बीजेपी ने पूरे कुढ़नी में माहौल बना दिया। माहौल एसा बना कि बंदी वाला भंवर में नीतीश कुमार की नैया डूब गई। दरअसल,नीतीश कुमार की शराबबंदी कानून ( Bihar Liquor Ban ) को लेकर लोगों की नाराजगी इस चुनाव में बड़ा मुद्दा साबित हुई। कांग्रेस ने तो जदयू प्रतयाशी की हार को शराबबंदी से जोड़ दिया है जबकि जदयू के वरिष्ठ नेता उपेंद्र कुशवाहा ( Upendra Kushwaha ) ने भी इशारों ही इशारों में इस ओर दिखाने की कोशिश की है। कहा तो ये भी जा रहा चिराग पासवान ने जिस मुद्दे को कुढ़नी में हवा दी थी, उसी के आंधी में जेडीयू प्रत्याशी मनोज कुशवाहा उड़ गए।

शराबबंदी और ताड़ीबंदी की वजह से हुई हार

वैसे, इसमें कोई शक नहीं शराबबंदी के बाद ग्रामीण इलाकों में पुलिसिया दमन बढ़ा है। सत्ताधारी महागठबंधन में शामिल हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा ( HAM ) के प्रमुख जीतन राम मांझी ( Jitan Ram Manjhi ) इसे कई बार सार्वजनिक मंचों से उठाते भी रहे हैं। कांग्रेस विधानमंडल दल के नेता अजीत शर्मा ने शराबबंदी और ताडीबंदी पर इसका ठीकरा फोड़ा है। अजीत शर्मा ने कहा कि निश्चित तौर पर बिहार में शराबबंदी और ताड़ी पर पाबंदी लगी हुई है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जब कुढ़नी गए थे तो विरोध भी हुआ था। अब इसका फायदा भाजपा ने उठाया है. इसलिए हमलोग कुढ़नी सीट हार गए।

नीतीश के प्रति नाराजगी बढ़ी है

कांग्रेस विधानमंडल दल के नेता अजीत शर्मा कहते हैं कि जदयू और भाजपा साथ थी, तो सब पार्टी ने मिलकर शराबबंदी लागू किया था। जब भाजपा अलग हो गई तो वह पासी समाज और मुसहर समाज को बरगलाने का काम किया। इस समाज के लोगों ने जो ताड़ी पर से प्रतिबंध हटाने के लिए मुख्यमंत्री का विरोध किया था, प्रतिबंध नहीं हटाने पर सभी ने भाजपा को वोट दे दिया। आरोप लगाया जाता रहा है कि ग्रामीण इलाकों में शराब के नाम पर पुलिस किसी के भी घर में किसी भी वक्त घुसकर शराब खोजने लगती है, इसमें गरीब परिवारों के बहू-बेटियों के इज्जत का भी ख्याल नही रखा जाता है। जिसे लेकर लोगों के बीच नीतीश के प्रति नाराजगी बढ़ी है।

जनता के हिसाब से चलना होगा

जनता दल यूनाइटेड के वरिष्ठ नेता उपेंद्र कुशवाहा ने अपने ट्वीट में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की कविता की कुछ पंक्तियों के साथ अपने ट्वीट में लिखा, कुढ़नी के परिणाम से हमें बहुत कुछ सीखने की जरूरत है। पहली सीख-जनता हमारे हिसाब से नहीं बल्कि हमें जनता के हिसाब से चलना पड़ेगा।

चिराग ने शराबबंदी मुद्दे को दी हवा

कुढनी उपचुनाव में प्रचार करने पहुंचे लोजपा (रामविलास) के प्रमुख चिराग पासवान ( Chirag Paswan ) ने इस मुद्दे को उठाकर हवा दे दी थी। वैसे, कहा तो यहां तक जा रहा है कि बिहार विधानसभा 2020 में भी नीतीश कुमार के प्रति लोगों में नाराजगी थी, लेकिन हाल के उपचुनावों में यह नाराजगी और बढ़ी है।

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