Home Bihar ‘चारा चोर के साथ सत्ता में बैठे Nitish Kumar तो बिहार के किसानों का भला कैसे होगा’ पटना में गरजे अमित शाह

‘चारा चोर के साथ सत्ता में बैठे Nitish Kumar तो बिहार के किसानों का भला कैसे होगा’ पटना में गरजे अमित शाह

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‘चारा चोर के साथ सत्ता में बैठे Nitish Kumar तो बिहार के किसानों का भला कैसे होगा’ पटना में गरजे अमित शाह

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पटना: केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पटना के बापू सभागार में स्वामी सहजानंद सरस्वती की जयंती समारोह के अवसर पर आयोजित ‘किसान-मजदूर समागम’ में भाग लिया। इस दौरान कार्यक्रम को संबोधित करते हुए अमित शाह के बिहार के मुख्यमंंत्री नीतीश कुमार और राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव पर जमकर हमला बोला। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि बिहार देश का सबसे ज्यादा दुग्ध उत्पादन वाला राज्य बन सकता है। लेकिन जब चारा चुराने वाले लालू यादव के साथ नीतीश कुमार सत्ता में बैठ गए हैं तो बिहार के किसानों का भला कैसे होगा। बिहार का किसान यूरिया के लिए परेशान हो रहा है। भारत सरकार डेढ़ गुना ज्यादा यूरिया बिहार को भेज रहा है, लेकिन नीतीश-लालू के राज में इसकी कालाबाजारी हो रही है। इसलिए किसानों को यूरिया नहीं मिल रहा है।

अमित शाह ने कहा कि नीतीश कुमार ने बीजेपी को दो बार धोखा दिया। अब वे हमें धोखा नहीं दे पाएंगे क्योंकि एनडीए के अंदर नीतीश कुमार को लिया ही नहीं जाएगा। नीतीश के लिए एनडीए के सारे दरवाजे बंद हो गए हैं। शाह ने कहा कि उन्होंने अपने जीवन में नीतीश कुमार जैसा दलबदल करने वाला नेता नहीं देखा है। 2020 में जनता ने बीजेपी को ज्यादा सीटें दी थीं, फिर भी हमने वादे के तहत नीतीश को सीएम बनाया था। लेकिन उन्होंने हमें धोखा दिया। लेकिन जब उन्हें धोखा मिलेगा तब पता चलेगा कि विश्वासघात क्या होता है।

मगध की राजधानी में आप सभी को नमन करता हूं: अमित शाह

‘किसान-मजदूर समागम’ कार्यक्रम में अमित शाह ने अपने संबोधन की शुरुआत इतिहास का जिक्र करते हुए की। अमित शाह ने कहा कि सम्राट चन्द्रगुप्त मौर्य व आचार्य चाणक्य ने जिस धरती पर भारत का पहला सफल राज्य बनाया। सम्राट चंद्रगुप्त व सम्राट समुद्रगुप्त ने जहां से अफगानिस्तान से लेकर लंका तक एक मुश्त साम्राज्य बनाया, उस मगध की राजधानी में आप सभी को नमन करता हूं।

किसानों से वसूले जाने वाले टैक्स का सहजानंद जी ने विरोध किया: शाह

कार्यक्रम में अमित शाह ने कहा कि सहजानंद जी और सुभाष बाबू एक दूसरे से जुड़े हुए थे। दंडी स्वामी होने के बावजूद उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम में हिस्सा लिया। जब जमींदारों की ओर से किसानों से जबरन कर वसूल जाता था तब स्वामी जी ने कहा था कि ‘कैसे लोगे मालगुजारी (टैक्स), लठ हमारा जिंदाबाद।’ उन्होंने कहा कि स्वामी जी ने उस समय कहा था- ‘जो अन्न-वस्त्र उपजायेगा, अब वो कानून बनाएगा। यह भारतवर्ष उसी का है, अब शासन वही चलाएगा।’

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