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बिहार सरकार पर पशुपति की बारिश
पशुपति पारस ने एक सवाल के जवाब में कहा कि बिहार में बिल्कुल शराबबंदी नहीं है। उसके बाद उन्होंने कहा कि यहां पर किसको घाटा हो रहा है, ये सोचने वाली बात है। पशुपति पारस ने इस दौरान चिराग के एनडीए में आगमन के सवाल पर कहा कि एनडीए में चिराग पासवान का स्वागत है। पशुपति कुमार पारस ने चाचा-भतीजा के मिलन के सवाल पर भी अपना जवाब दिया। पारस ने कहा कि एनडीए में आना समय की मांग है। मुझे उनके आने से कोई आपत्ति नहीं है। उसके बाद मिलन पर बोलते हुए कहा कि चाचा-भतीजा एक नहीं होंगे। मिलन नहीं होगा।
मांझी की मांग का समर्थन
वहीं, बिहार के पूर्व सीएम जीतन राम माँझी के आरक्षण के बयान पर बोलते हुए पारस ने कहा कि मांझी की मांग का मैं समर्थन करता हूं। पारस ने शराबबंदी पर बिहार सरकार को कटघरे में खड़ा करते हुए कहा कि यदि जेल में पांच हजार लोग हैं, तो उनमें साढ़े चार हजार दलित लोग हैं। उन्होंने आरक्षण पर कांग्रेस के साथ जीतन राम मांझी की मांग को सही करार दिया बिहार में शराब बंदी से राजस्व का घटा हो रहा हैं।
चिराग पासवान से पहले थी दूरी
इससे पूर्व केंद्रीय मंत्री और रालोजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष पशुपति पारस ने लोजपा रामविलास गुट के राष्ट्रीय अध्यक्ष और भतीजे चिराग पासवान पर निशाना साध था। और कहा था कि चिराग केवल इधर से उधर भटक रहे हैं। जबकि RLJP मजबूती से एनडीए के साथ खड़ी है। अब पारस के तेवर में नरमी आई है। चिराग के एनडीए में आने के बाद पारस कुछ नम्र होकर चिराग के पक्ष में बोल रहे हैं।
चाचा-भतीजा अलग
आपको बता दें कि साल 2020 में लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के प्रमुख रहे रामविलास पासवान का निधन हो गया था। रामविलास उस वक्त केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार में मंत्री थे। रामविलास के निधन के बाद उनकी विरासत को लेकर उनके बेटे चिराग पासवान और भाई पशुपति पारस के बीच जंग छिड़ गई। पशुपति पारस ने सभी सांसदों को अपने गुट में कर दिया और चिराग अलग-थलग पड़ गए। बीजेपी ने बहुमत के आधार पर पशुपति पारस के गुट को तरजीह दी और उन्हें केंद्रीय मंत्री बनाया। इससे नाराज होकर चिराग पासवान ने एनडीए छोड़ दी थी। अब दोबारा चिराग एनडीए में वापस आ गये हैं।
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