
[ad_1]
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
द्वारा प्रकाशित: अमित मंडल
अपडेटेड बुध, 16 मार्च 2022 08:15 PM IST
सार
शरद यादव, नीतीश कुमार के साथ 2005 में बिहार में राजद के 15 साल के शासन को समाप्त करने के अभियान में शामिल हो गए थे।
ख़बर सुनें
विस्तार
लालू ने 1997 में छोड़ा था जनता दल
राजद प्रमुख लालू प्रसाद ने 1997 में जनता दल छोड़ दिया था और इसके नेतृत्व के साथ अपने मतभेदों के कारण अपनी पार्टी बनाई थी क्योंकि चारा घोटाले के खिलाफ जांच में तेजी आई थी, जिसमें वह मुख्य आरोपी थे। शरद यादव को तब जनता दल के भीतर उनके प्रतिद्वंद्वी के रूप में देखा गया था और बाद में वह नीतीश कुमार के साथ 2005 में बिहार में राजद के 15 साल के शासन को समाप्त करने के अभियान में शामिल हो गए थे।
शरद बोले, जनता दल परिवार को एक करने का मकसद
शरद यादव (74) ने एक बयान में कहा कि यह कदम (विलय) देश में मौजूदा राजनीतिक स्थिति को देखते हुए बिखरे हुआ जनता परिवार को एक साथ लाने के लिए मेरे नियमित प्रयासों की एक पहल है। उन्होंने दावा किया कि भाजपा सरकार विफल रही है और लोग एक मजबूत विपक्ष की तलाश कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि 1989 में अकेले जनता दल के पास लोकसभा में 143 सीटें थीं। सामाजिक न्याय के एजेंडे ने इन वर्षों में पार्टी के विघटन के साथ अपनी गति खो दी है और इसे पुनर्जीवित करने की जरूरत है। शरद यादव की बेटी ने बिहार में 2020 का विधानसभा चुनाव राजद के टिकट पर लड़ा था, लेकिन हार गईं।
[ad_2]
Source link