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खेद के साथ ट्रेनी अफसरों की खोली पोल-पट्टी
वीडियो वायरल होने के बाद बिहार लोक प्रशासन और ग्रामीण विकास संस्थान (Bihar Institute of Public Administration And Rural Development) की ओर से बिपार्ड के संकाय सदस्य आर्य गौतम के सिग्नेचर से तीन पन्नों का एक प्रेस नोट जारी किया गया है। जिसमें बताया गया है कि ‘महानिदेशक केके पाठक के मुख से कुछ अमर्यादित शब्द निकल गए थे, जिसे लेकर महानिदेशक ने खेद प्रकट किया है।’ इसके साथ बिहार प्रशासनिक सेवा के ट्रेनी अफसरों की पोल-पट्टी भी खोल दी गई है। बिपार्ड ने 10 पॉइंट्स में अपनी बातों को रखा है।
बिपार्ड की पूरी चिट्ठी पढ़िए
महानिदेशक, बिहार लोक प्रशासन एवं ग्रामीण विकास संस्थान (बिपार्ड) सह अपर मुख्य सचिव, मद्य निषेध उत्पाद एवं निबंध विभाग, बिहार, पटना के मीटिंग के दौरान के विडियो जो कि विभिन्न मीडिया चैनल एवं सोशल मिडिया पर वायरल है, के संबंध में बिपार्ड की ओर स्पष्ट करना है कि
प्रेस विज्ञप्ति 02-02-2023 द्वारा अभिषेक कुमार स्क्रिब्ड पर
1. सर्वप्रथम वायरल वीडियो जो कि पूर्व के समय में बिहार निबंधन सेवा के पदाधिकारियों के साथ की जा रही बैठक की है। जिसमें बिहार निबंधन सेवा के पदाधिकारियों के द्वारा प्रशिक्षण के दौरान बिहार प्रशासनिक सेवा के प्रशिक्षु पदाधिकारियों के द्वारा किए गए अर्मायादित व्यवहार के संबंध में शिकायत दर्ज की गई थी। जिस पर तत्क्षण महानिदेषक के मुख से असंदर्भित कुछ शब्द निकल गए। जिस पर महानिदेषक द्वारा खेद प्रकट कर दिया
गया है।
2. इस पूरे घटनाक्रम एवं विषय के सभी पहलुओं पर प्रकाश डालना अत्यावश्यक है ताकि सभी बातें स्पष्ट हो सके।
3. नवनिर्मित बिपार्ड, गया परिसर में बिहार प्रशासनिक सेवा के पदाधिकारियों का प्रशिक्षण 02.10.2022 से प्रारंभ हुआ था। प्रशिक्षण के दौरान अनुशासन पर विषेष ध्यान रखा जाता है जो किसी भी प्रशिक्षण का अभिन्न हिस्सा होता है। प्रारंभ से ही बिहार प्रशासनिक सेवा के पदाधिकारियों के द्वारा अमार्यादित व्यवहार एवं अनुशासन तोड़ने का लगातार प्रयास किया गया।
4. बिपार्ड में प्रशिक्षण के दौरान ग्रुप ‘डी’, एलडीसी से लेकर भारतीय प्रशासनिक सेवा के प्रशिक्षण के अभिन्न अंग के रूप में पीटी एवं योगा कक्षाएं सम्मिलित होती हैं। परन्तु बिहार प्रशासनिक सेवा के प्रशिक्षु पदाधिकारी द्वारा इसका विरोध किया जा रहा था।
5. बिहार प्रशासनिक सेवा के पदाधिकारियों का मेस स्टाफ, हाउसकीपिंग स्टाफ, संकाय सदस्य यहां तक कि सहायक सत्र समन्वयक के साथ भी इनका व्यवहार सम्यक नहीं था।
6. नवम्बर माह में बिहार पंचायत राज सेवा के प्रशिक्षु पदाधिकारियों का प्रशिक्षण प्रारंभ हुआ जिसमें बिहार प्रशासनिक सेवा के प्रशिक्षु पदाधिकारियों के द्वारा अपने उच्चतर सेवा बतलाते हुए बिहार पंचायत राज सेवा के प्रषिक्षु पदाधिकारियों के साथ मेस में एक साथ भोजन करने से मना कर दिया गया एवं विरोध दर्ज किया गया।
7. इससे पूर्व बिपार्ड, पटना में बिहार प्रशासनिक सेवा के पूर्ववर्ती बैच के पदाधिकारियों ने बिहार निबंधन सेवा के पदाधिकारियों के साथ दोयम दर्जे का व्यवहार किया गया था।
8. नवंबर में बिपार्ड प्रशिक्षण के तहत भारतीय प्रशासनिक सेवा, बिहार प्रशासनिक सेवा एवं बिहार शिक्षा सेवा के पदाधिकारियों के ट्रैकिंग हेतु बिहार के बाहर भेजा गया था। बिहार प्रशासनिक सेवा के पदाधिकारियों को ट्रैकिंग हेतु उत्तराखंड भेजा गया था। जिसमें एसओपी के अनुरूप प्रक्रिया अपनाई गई थी। ट्रैक द हिमालया प्रोफेशनल एजेंसी के माध्यम से ट्रैकिंग करवाई गई थी। जिस दौरान एक प्रशिक्षु पदाधिकारी का निधन हो गया था। जिसमें
बिपार्ड के द्वारा कोई चूक नहीं की गई थी।
9. ट्रैकिंग से वापस लौटने पर बिहार प्रशासनिक सेवा के पदाधिकारियों के द्वारा आईआईएम अहमदाबाद से आये हुए फैकल्टी का अनुशासन के विरूद्ध जाकर बहिष्कार किया गया। इस पूरे प्रकरण को बिहार प्रशासनिक सेवा के प्रशिक्षु पदाधिकारी एवं बासा संघ ने एक हथियार के रूप
में प्रयोग करते हुए मीडिया में जाकर बिपार्ड के प्रषिक्षण एवं महानिदेशक के विरूद्ध अमार्यादित एवं असंसदीय भाषा का प्रयोग किया गया था जो निंदनीय है। महानिदेशक के द्वारा बिपार्ड के अनुशासन को बनाए रखने के निमित्त बिहार प्रशासनिक सेवा के प्रशिक्षण को तत्काल दिनांक- 09.12.2022 को बीच में रोक दिया गया एवं सभी प्रशिक्षु पदाधिकारियों को जिलों में वापस कर दिया गया। पुनः सरकार से आदेश प्राप्त होने पर प्रशिक्षण को दिनांक-01 जनवरी, 2023 से प्रारंभ कर दिया गया है।
10. इस बीच मद्य निषेघ उत्पाद एवं निबंधन विभाग, बिहार, पटना द्वारा बिहार निबंधन सेवा संघ का निबंधन दिनांक- 20.12.2023 एवं बिहार प्रशासनिक सेवा संघ का निबंधन दिनांक-28.01.2023 को सम्यक प्रक्रिया के उपरांत रद्द किया गया। पूरे घटनाक्रम के विश्लेशण करने पर दो बिन्दु स्पष्ट तौर उभर कर बाहर आती है-
एक ओर जहां बिहार में प्रशिक्षण एवं विकास के क्षेत्र में बिपार्ड के प्रयास से प्रशिक्षण कार्यक्रम में एक नई ऊंचाई को प्राप्त किया है जो बिहार के लिए गर्व की बात है। दूसरी ओर बिहार प्रशासनिक सेवा के पदाधिकारियों एवं इनके संघ के द्वारा प्रशिक्षण में हो रहे नवाचार एवं नूतन प्रयास के प्रति नकारात्मक सोच स्पष्ट रूप से दिखा है। बासा के पदाधिकारी एवं इनके संघ द्वारा लगातार अपने आपको श्रेष्ठ एवं व्यवस्था से ऊपर दिखलाने का प्रयास रहा है। विशुद्ध प्रषिक्षण एवं प्रशासकीय विषय को बिहार प्रशासनिक सेवा के पदाधिकारी एवं वासा संघ ने एक हथियार बनाकर बिपार्ड की छवि को घूमिल करने का प्रयास किया है जो कि सर्वथा निंदनीय है। बिपार्ड राष्ट्रीय स्तर पर प्रशिक्षण के क्षेत्र में एक अपना विशिष्ट स्थान प्राप्त करने की ओर अग्रसर है।
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