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नीतीश ने बिहार को केंद्रीय बजट में कुछ नहीं मिलने की बात कही।
– फोटो : अमर उजाला
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मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक बार फिर आरोप लगाया है कि केंद्र सरकार उनकी नकल करती है। उन्होंने बजट में ‘सप्तऋषि’ को अपनी सात निश्चय योजना का नकल करार देते हुए कहा कि बिहार सरकार की तर्ज पर सात प्राथमिकताएं तो बनाकर दिखा दिया, लेकिन राशि का प्रावधान ही नहीं किया। समाधान यात्रा की व्यस्तता के बाद शाम में मुख्यमंत्री ने बजट को पढ़ा, फिर प्रतिक्रिया दी। मुख्यमंत्री ने पहले बिहार की नल-जल योजना की भी नकल का आरोप लगाया था और केंद्रीय योजना को बिहार में लाने से मना कर दिया था। बुधवार रात केन्द्रीय बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए मुख्यमंत्री ने इसे निराशाजनक कहा। कहा कि इसमें दूरदृष्टि का अभाव है। हर वर्ष बजट की प्राथमिकताएं बदल जाती हैं। फोकस और निधि के अभाव में योजनाएं पूरी नहीं हो पा रही हैं। बिहार को इस बजट से निराशा हाथ लगी है और एक बार फिर विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग की अनदेखी की गई है।
बिहार की जरूरी सलाहों की अनदेखी की गई
मुख्यमंत्री ने कहा कि समावेशी विकास के तहत बिहार सरकार ने केंद्रीय बजट (2023-24 ) की ओर से वित्त मंत्रियों की बैठक में राज्य के लिए 20 हजार करोड़ रुपये के स्पेशल पैकेज की मांग की थी। इसपर चर्चा तक नहीं की गई। राज्यों की वित्तीय स्थिति को नजरअंदाज किया गया है। राज्य सरकार की ऋण सीमा में वर्ष 2023-24 में कोई छूट नहीं दी गई है। बिहार सरकार ने अपने ज्ञापन में इसे 4.5 प्रतिशत ( 4% एवं 0.5% सशर्त) तक रखने का आग्रह किया था, जो पिछड़े राज्यों के विकास तथा नए रोजगार सृजन में लाभप्रद होता। युवाओं के लिए रोजगार सृजन को लेकर बजट में कोई खाका नहीं दिखा।
बिहार और बिहारियों के लिए अर्थहीन बजट
मुख्यमंत्री ने कहा कि विशेष रूप से भारत सरकार की सात प्राथमिकताओं ‘सप्तऋषि’ की चर्चा करते हुए कहा कि यह योजना पूर्व से चल रही केंद्रीय योजनाओं की री-पैकेजिंग है। बिहार सरकार वर्ष 2016 से ही सात निश्चय के अंतर्गत योजनाओं को सफलता से क्रियान्वित कर रही है और केंद्र ने उसी पैटर्न को ‘सप्तऋषि’ के रूप में प्रचारित किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इसके लिये पर्याप्त बजट का प्रावधान नहीं किया गया है। इससे पहले, दिन में समाधान यात्रा के दौरान उन्होंने कहा था कि वह हमेशा से बजट देखते रहे हैं लेकिन इस बार यात्रा की व्यस्तता में देख नहीं सके। उन्होंने अपने वित्त मंत्री विजय कुमार चौधरी से बात करने के बाद कहा था कि बिहार के लिए कुछ नहीं कहा गया। बिहार और बिहारियों के लिए यह अर्थहीन है।
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