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सार
विशेष बातचीत में शाहनवाज हुसैन ने बताया कि हमारी पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने बिल्कुल साफ कर दिया है कि हमने नीतीश कुमार के नेतृत्व में चुनाव लड़ा है और वही पूरे पांच साल के लिए मुख्यमंत्री होंगे। इतनी स्पष्ट बात के बाद किसी को शक की कोई गुंजाइश नहीं होनी चाहिए…

शाहनवाज हुसैन
– फोटो : PTI (File Photo)
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विस्तार
बिहार की राजनीति में इस समय जोरदार हलचल मची हुई है। कहा जा रहा है कि भाजपा और जद(यू) के बीच सब कुछ ठीक नहीं है। भाजपा राज्य में अपना सीएम बनाने की बात सोच रही है। चर्चा यह भी है कि भाजपा नीतीश कुमार को उपराष्ट्रपति बनाकर केंद्र में लाएगी और जद(यू) भाजपा का मुख्यमंत्री चेहरा स्वीकार करेगी। इन चर्चाओं में कितना दम है? हमारे विशेष संवादताता अमित शर्मा ने भाजपा के वरिष्ठ नेता और बिहार सरकार में उद्योग मंत्री शाहनवाज हुसैन से मुलाकात की। उन्होंने इन मुद्दों पर अपनी बेबाक राय रखी। पेश है प्रमुख अंश-
प्रश्न- बिहार में इस समय चर्चा है कि भाजपा और जद(यू) के बीच सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। भाजपा के ज्यादा विधायक हैं, लिहाजा आपके कुछ नेताओं को लगता है कि अब बिहार में भाजपा का मुख्यमंत्री होना चाहिए, इसमें कितना सच है?
शाहनवाज हुसैन- इसमें कोई सच्चाई नहीं है। हमारी पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने बिल्कुल साफ कर दिया है कि हमने नीतीश कुमार के नेतृत्व में चुनाव लड़ा है और वही पूरे पांच साल के लिए मुख्यमंत्री होंगे। इतनी स्पष्ट बात के बाद किसी को शक की कोई गुंजाइश नहीं होनी चाहिए। मैं आपके माध्यम से बिहार और पूरे देश को बताना चाहता हूं कि भाजपा-जद(यू) के बीच सबकुछ ठीक ठाक है और इसमें किसी को कोई शक नहीं होना चाहिए।
प्रश्न- नीतीश कुमार के राजद की इफ्तार पार्टी में शामिल होने को लेकर कई सवाल खड़े किए जा रहे हैं। बताया जा रहा है कि नीतीश कुमार भाजपा के कुछ नेताओं के व्यवहार से बहुत असंतुष्ट हैं और एक नया साथी तलाश रहे हैं। क्या बिहार में एक नई सरकार बन सकती है?
शाहनवाज हुसैन- मैंने आपको पहले ही कह दिया। इस तरह की चर्चाओं में कोई दम नहीं है। भाजपा-जद(यू) के रिश्ते बिल्कुल ठीक हैं और आगे भी बने रहेंगे। दूसरी बात, हम एक बेहद परिपक्व लोकतांत्रिक देश में रहते हैं। यहां एक दल के नेता दूसरे दलों के नेताओं के धार्मिक-सामाजिक कार्यक्रमों में शामिल होते रहते हैं। मैं स्वयं भी विपक्ष की कई इफ्तार पार्टियों में शामिल हुआ हूं। इसलिए यह सब कोरी अफवाह है। बिहार में सरकार पूरी तरह मजबूती के साथ चल रही है, आगे भी चलती रहेगी।
प्रश्न- कहा जा रहा है कि नीतीश कुमार को भाजपा उपराष्ट्रपति बनाकर केंद्र में लाएगी, बदले में जद(यू) बिहार में भाजपा का मुख्यमंत्री स्वीकार करेगी।
शाहनवाज हुसैन- मैं जानता हूं कि यह चर्चा कहां से शुरू हुई। सीएम नीतीश कुमार ने एक हल्के-फुल्के अंदाज में कहा था कि इतनी लंबी राजनीतिक यात्रा में कई सदन देखे, लेकिन अभी तक राज्यसभा नहीं गए। लेकिन इसका यह अर्थ नहीं कि वे राज्यसभा जाने या उपराष्ट्रपति बनने के लिए कोई बात कर रहे थे। पत्रकार मित्रों के बीच हुई एक हल्के अंदाज की बात को इस तरह से नहीं लिया जाना चाहिए।
प्रश्न- अब कुछ बात देश के राजनीतिक हालात पर। इस समय पूरे देश में कहीं शोभायात्राओं पर पथराव देखने को मिल रहा है तो कहीं अजान-लाउडस्पीकर विवाद की चर्चा हो रही है। विपक्ष इस विवाद के पीछे भाजपा को कारण बता रहा है। इस पूरे घटनाक्रम को आप किस तरह से देख रहे हैं?
शाहनवाज हुसैन- देखिए, इस देश में सुप्रीम कोर्ट से ऊपर कोई नहीं है। यदि सुप्रीम कोर्ट ने कोई आदेश (सभी धार्मिक स्थलों से लाउडस्पीकर हटाने का) दिया है तो उसे हम सबको स्वीकार करना चाहिए। सभी सरकारों को उस आदेश को पूरी ईमानदारी से लागू कराना चाहिए। लेकिन दुर्भाग्य है कि सभी सरकारों ने इस मामले में ईमानदारी नहीं बरती, जिसके कारण इस तरह के विवाद पैदा हो रहे हैं। चूंकि, सुप्रीम कोर्ट का आदेश सभी धर्मों के लिए एक समान है। यह निर्णय हम सबके स्वास्थ्य को ध्यान में रखकर लिया गया है, जिसमें हर धर्म के लोग बराबर होते हैं, इसलिए इस पर किसी को कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए।
जहां तक विपक्ष के आरोपों की बात है, मैं यही कहूंगा कि इस तरह की घटना कई राज्यों में हुई है। इसमें भाजपा शासित राज्य भी हैं और विपक्ष शासित राज्य भी। इसलिए इस पर कोई राजनीति नहीं की जानी चाहिए, बल्कि इस तरह की घटनाओं को कड़ाई से निपटा जाना चाहिए।
प्रश्न- ईद के दिन राजस्थान के जोधपुर में दो संप्रदायों के बीच विवाद हो गया। इस पर आप क्या कहेंगे?
शाहनवाज हुसैन- मैं यही कहूंगा कि राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से कुछ सीख लेनी चाहिए। उत्तर प्रदेश सरकार ने इसी दौरान सभी धर्मों के धार्मिक स्थलों से 54 हजार लाउडस्पीकर हटवाए हैं, लेकिन कहीं कोई विवाद नहीं हुआ। योगी सरकार ने स्पष्ट कर दिया था कि सड़कों पर नमाज अदा नहीं होनी चाहिए। लेकिन नमाजियों को नमाज के लिए पर्याप्त जगह उपलब्ध कराई गई। यही कारण है कि इतने बड़े प्रदेश यूपी में ईद के दिन कहीं कोई हिंसा नहीं हुई। गहलोत को योगी आदित्यनाथ से सीखना चाहिए कि सरकार कैसे चलाई जाती है।
प्रश्न- इस तरह के विवाद देखकर कुछ लोगों का कहना है कि देश के दो बड़े संप्रदायों में एक दूरी पैदा हो रही है। देश में सांप्रदायिक विभाजन गहरा हो रहा है। क्या आप इससे सहमत हैं?
शाहनवाज हुसैन- कतई नहीं। जो भी इस तरह की बात कहता है वह इस देश को, इस देश की संस्कृति को और इस देश के इतिहास को नहीं समझता। मैं कहता हूं कि एक मुसलमान के लिए एक हिंदू से अच्छा पड़ोसी कोई दूसरा नहीं हो सकता। मेरे घर के सामने एक मंदिर है, रोज सुबह वहां भगवान शिव के भजन बजते हैं। मुझे भी कई भजन याद हो गये हैं। लेकिन आज तक मुझे कोई परेशानी नहीं हुई। इस तरह की बातें कर कुछ लोग दोनों समुदायों में विभाजन बढ़ाना चाहते हैं।
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