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‘जेडीयू के ‘बड़े नेता’ भी बीजेपी के संपर्क में है’
जनता दल यूनाइटेड संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष दिल्ली एम्स में अपना रूटीन चेकअप करा रविवार को पटना पहुंचे। पटना एयरपोर्ट पर उपेंद्र कुशवाहा ने पत्रकारों से कहा कि नीतीश कुमार से मिलने के लिए और उनसे बात करने के लिए उन्हें किसी मिडिएटर की जरूरत नहीं है। उन्होंने एम्स में बीजेपी नेताओं से मुलाकात के सवाल पर कहा कि इसका अर्थ ये कैसे निकाला जा सकता है कि मैं बीजेपी के संपर्क में हूं? पार्टी अपनी रणनीति के हिसाब से काम करती है। पार्टी को जब जो मर्जी करता है, वो करती है। हमारी मुलाकात अगर बीजेपी के नेताओं से होती भी है तो इस पर चर्चा करने की क्या जरूरत है?
उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि बीजेपी नेताओं के साथ मेरी एक तस्वीर आई तो बात का बतंगड़ बन गया। व्यक्तिगत संबंध किसी के साथ भी हो सकता है। लोगों ने ये भी कहा कि मैं बीजेपी के संपर्क में हूं। उन्होंने दावा किया कि हमारी पार्टी के जितने भी बड़े नेता यानी जेडीयू के जितने भी बड़े नेता हैं सभी लोग बीजेपी के संपर्क में हैं। जेडीयू के नेताओं से अलग-अलग बातचीत कर लीजिए तो वो अलग-अलग विचार आपके सामने रखेंगे लेकिन कैमरे के सामने कुछ नहीं बोलेंगे।
‘जेडीयू कमजोर हो रही, मेरे लिए चिंता का विषय’
पटना एयरपोर्ट पर पत्रकारों से उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि मैं जनता दल यूनाइटेड में हूं। मेरे लिए चिंता की बात ये है कि मेरी पार्टी कमजोर हो रही है। वो पार्टी को मजबूत करने का ही काम कर रहे हैं। अगर पार्टी का कोई व्यक्ति पार्टी की सच्चाई बताने का काम कर रहा है तो उसका कोई दूसरा अर्थ नहीं निकाला जाना चाहिए। जहां तक बीजेपी से संपर्क में रहने की बात है तो ये मेरे अलावा कोई तय नहीं कर सकता।
उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी पहले बीजेपी के साथ थी लेकिन अब अलग हो गए। उपेंद्र कुशवाहा से जब यह पूछा गया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि उनसे कहिए कि वो हमसे भी बात कर लें। इस सवाल के जवाब में उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि नीतीश कुमार से बात करने के लिए नहीं किसी मिडिएटर की जरूरत नहीं है। हालांकि, उपेंद्र कुशवाहा ने पार्टी के कमजोर होने की बात 14 जनवरी को भी कही थी।
क्या बिहार के एकनाथ शिंदे बनेंगे उपेंद्र कुशवाहा?
जेडीयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा का ये कहना कि पार्टी के ‘बड़े नेता’ बीजेपी के संपर्क में हैं। तो क्या इसका अर्थ ये निकाला जाए कि आने वाले समय में नीतीश की पार्टी टूट जाएगी? क्या उपेंद्र कुशवाहा पार्टी के बड़े नेताओं को साथ लेकर पार्टी से बाहर जाना चाहते हैं? क्या महाराष्ट्र में शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे ने जिस प्रकार से विधायकों को अपने पाले में कर बीजेपी के साथ गठबंधन किया था, ठीक उसी नक्शे कदम पर उपेंद्र कुशवाहा भी चल रहे हैं?
क्या उपेंद्र कुशवाहा का जनता दल यूनाइटेड को कमजोर बताया जाना इस बात की ओर इशारा कर रहा है कि जेडीयू के कई नेता आरजेडी के साथ गठबंधन किए जाने के खिलाफ है? क्या उपेंद्र कुशवाहा ये कहने की कोशिश कर रहे हैं कि आरजेडी और कांग्रेस जैसे राजनीतिक दल का साथ देने की वजह से ही जेडीयू कमजोर हो रही है? बहरहाल, इस बाबत जब उपेंद्र कुशवाहा से और भी बात करने की कोशिश की गई तो फिलहाल उन्होंने किसी भी प्रकार की बातचीत करने से इंकार कर दिया।
कुशवाहा पर जेडीयू के मुख्य प्रवक्ता का बयान
जनता दल यूनाइटेड के मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार का कहना है कि उपेंद्र कुशवाहा पार्टी के संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष हैं। विधानसभा की सदस्यता से लेकर राज्यसभा तक का सफर और पार्टी में प्रधान महासचिव के बाद संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष पद पर बिठाकर पार्टी ने उन्हें सम्मान दिया। इसके अलावे उपेंद्र कुशवाहा जब जेडीयू में शामिल हुए तब उन्होंने पार्टी को नंबर वन पार्टी बनाने का संकल्प लिया था। इसलिए उन पर किसी भी प्रकार का सवाल खड़ा करना बेकार की बात है। इसलिए उपेंद्र कुशवाहा बीजेपी के साथ चले जाएंगे, ये बोगस और वाहियात बात है।
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