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केदार गुप्ता पर लोगों ने जताया विश्वास
आपको बता दें कि 2020 के विधानसभा चुनाव में कुढ़नी सीट पर राजद की जीत हुई थी। उस चुनाव में खड़े केदार गुप्ता महज 712 वोटों से हार गए थे। इस दौरान जेडीयू प्रत्याशी मनोज कुशवाहा पहले भी कुढ़नी विधानसभा की सीट जीत चुके हैं। हालांकि, इस बार उनका मुकाबला केदार गुप्ता के साथ था। केदार गुप्ता ने 2015 के विधानसभा चुनाव में मनोज सिंह कुशवाहा को हराया था। एक बार फिर केदार गुप्ता ने जेडीयू उम्मीदवार को हरा दिया है। स्थानीय लोगों के मुताबिक केदार गुप्ता ने नीतीश कुमार की सियासी कहानी में पलीता लगाने का काम किया है। स्थानीय लोगों ने बताया कि नीतीश कुमार जब कुढ़नी विधानसभा क्षेत्र में जनसभा करने आए थे, तो उन्होंने बीजेपी और पीएम मोदी को बहुत बुरा-भला कहा था। ये बात भी नीतीश के खिलाफ गई है।
समाजसेवी केदार गुप्ता
केदार गुप्ता वैश्य समाज से आते हैं। अति-पिछड़ा समाज के लोगों पर उनकी खासी पकड़ बताई जाती है। केदार गुप्ता सबके लिए सुलभ थे। यही उनके जीत का कारण रहा। केदार गुप्ता की उम्र 56 वर्ष है। वे समाजसेवी और पूर्व बिहार विधानसभा के सदस्य हैं। उन्होंने विनायका मिशन यूनिवर्सिटी तमिलनाडु से 2012 में पोस्ट ग्रेजुएट किया। केदार गुप्ता ने जीरादेई इवनिंग कॉलेज रतभरा हिंदी विद्यापीठा देवघर से 2002 में बीए ऑनर्स की डिग्री ली है। उनके पास कुल संपत्ति 1 करोड़ 42 लाख 60 हजार 127 रुपये है। उनके ऊपर देनदारी की बात करें, तो वो 18 लाख 9 हजार 845 रुपये है। केदार गुप्ता के ऊपर पांच आपराधिक मामले दर्ज हैं। उन पर सरकारी काम में बाधा डालने के दो जार्ज हैं। वहीं लोगों को भड़काने का भी आरोप है।
नीतीश की सियासी कहानी में पलीता
केदार गुप्ता क्षेत्र में समाजसेवी के तौर पर जाने जाते हैं। विधायक रहने के दौरान उन्होंने क्षेत्र में काम भी किया है। स्थानीय लोगों के मुताबिक उनकी जीत का कारण उनका व्यवहार रहा। जिसकी वजह से उन्हें जीत मिली। स्थानीय लोगों के मुताबिक मनोज सिंह कुशवाहा का व्यवहार इलाके के लोगों से ठीक नहीं है। वो काफी घमंड में रहते हैं। वहीं, लोगों का ये भी मानना है कि इलाके में स्थानीय स्तर पर भ्रष्टाचार चरम पर है, लेकिन नीतीश कुमार के अधिकारी कुछ सुनते नहीं है। इसकी वजह से लोगों में जेडीयू के प्रति काफी गुस्सा है। लोगों में नीतीश कुमार के प्रति भी गुस्सा दिखा। कुल मिलाकर केदार गुप्ता ने कुढ़नी का किंग बनकर नीतीश की सियासी कहानी में पलीता लगाने का काम किया है।
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