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आशीष कुमार
पश्चिम चम्पारण: हमारे समाज में लंबे समय तक कोढ़ की बीमारी को शाप या भगवान द्वारा दिया गया दंड माना जाता रहा है. लेकिन ऐसा है नहीं…भले ही उस काल में ऐसा रहा हो लेकिन आज के समय में कुष्ठ रोग लाइफस्टाइल और पोषण की कमी से जुड़ी एक समस्या है. कोढ़ की बीमारी उन लोगों पर जल्दी हावी हो जाती है, जिनके शरीर में पोषण की कमी होती है. लेकिन खुशी की बात ये है कि आज मल्टी ड्रग थेरपी अर्थात एमडीटी से कुष्ठ रोग का पूर्ण इलाज संभव है. भ्रांतियों को दूर करने हेतु जगह- जगह अभियान चलाए जा रहे हैं. सरकार इसे जड़ से मिटाने के लिए काम भी कर रही है.
दरअसल महात्मा गांधी की पुण्य तिथि के अवसर पर एसीएमओ डॉ. रमेश चन्द्रा ने कुष्ठ रोग निवारण हेतु कार्यालय में कार्यक्रम की शुरुआत की. जिसे 13 फरवरी तक चलाया जाएगा. जिले में 396 कुष्ठ रोगी इलाजरत हैं. जिसमें 173 पीड़ित का इलाज छह माह तक तथा अन्य पीड़ितों का इलाज एक साल तक किया जाना है. कुष्ठ रोगियों के बीच एमपीआर किट व अन्य संसाधन का किया जाएगा वितरण राष्ट्रीय कुष्ठ रोग उन्मूलन जागरूकता कार्यक्रम के दौरान आशा कार्यकर्ताओं द्वारा ग्रामीण स्तर पर सामुदायिक बैठक कर लोगों को कुष्ठ रोग के प्रति जागरूक किया जाएगा.कुष्ठ रोगियों को सेल्फ केयर के लिए एमपीआर किट व आवश्यक अन्य संसाधन का वितरण किया जाएगा.
भुगतना पड़ सकता है बुरा अंजाम:
आयुर्वेद के अनुसार कुल 18 प्रकार के कुष्ठ रोग होते हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने सभी प्रकार के कुष्ठ रोगों को ठीक करने के लिए 1995 में एक मल्टी ड्रग थेरेपी विकसित किया था . इसे दुनिया भर में मुफ्त में उपलब्ध कराया जाता है. भारत में भी केंद्र सरकार कुष्ठ रोग का मुफ्त उपचार देती है. वर्तमान में कुष्ठ रोगियों की पहचान एवं मुफ्त उपचार के लिए एक विशेष अभियान को चंपारण में आयोजित किया गया है.कुष्ठ रोग से ग्रसित रोगियों को अपने आहार का खास ख्याल रखना चाहिए.
आपके शहर से (पश्चिमी चंपारण)
साथ ही उन्हें किसी भी प्रकार के नशे से अनिवार्य रूप से दूरी बनाए रखनी चाहिए. हालांकि एमडीटी के साथ चिकित्सक कुछ एंटीबायोटिक्स को भी रिकमेंड करते हैं, लेकिन ध्यान रहे ये एंटीबायोटिक्स कुष्ठ रोग के अलग-अलग प्रकार के अनुसार ही दिए जाए हैं. अतः चिकित्सक की सलाह के बिना ऐसे रोगियों को दवा का सेवन बिलकुल वर्जित है नहीं तो अंजाम बुरा हो सकता है .
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पहले प्रकाशित : 31 जनवरी, 2023, 21:42 IST
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