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बिहार में शराबबंदी पूरी तरह से फेल: सुशील मोदी
पूर्व उपमुख्यमंत्री और राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने कहा कि बिहार में शराबबंदी का सबसे ज्यादा खामियाजा गरीब भुगत रहे हैं। उन्होंने कहा कि शराब से जुड़े मामलों में एक महीने के दौरान 45 हजार से ज्यादा गरीब-जनजातीय लोगों की गिरफ्तारी हुई है। इसके अलावा तीन लाख लीटर शराब बरामद होना, साबित करता है कि पूर्ण शराबबंदी लागू करने में नीतीश सरकार पूरी तरह विफल रही है। सुशील मोदी ने कहा कि BJP मद्यनिषेध के विरुद्ध नहीं, लेकिन इसे लागू करने में सरकार विफल है। इसकी समीक्षा क्यों नहीं होनी चाहिए ?
गरीबों को निशाना बना रही शराबबंदी: सुशील मोदी
बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने कहा कि नवंबर में केवल 739 वीआइपी और सरकारी कर्मचारी शराब पीते पकड़े गए, जबकि गरीब और पिछड़ी जातियों के 6 लाख लोग हर साल जेल भेजे जा रहे हैं। शराबबंदी गरीबों पर भारी पड़ रही है। उन्होंने कहा कि केवल शराब पकड़ने के लिए पुलिस-प्रशासन ने जब नवंबर के महीने में 1 लाख 28 हजार से ज्यादा छापामारी की है। ऐसे में समझना मुश्किल नहीं है कि पुलिस प्रशासन के पास कानून-व्यवस्था के दूसरे मामलों के लिए समय नहीं है।
शराब के मामले में पुलिस माफिया पर नरम, आम लोगों पर गरम
सुशील मोदी ने कहा कि शराब की होम डीलिवरी में हजारों लोग लगे हैं और सैकड़ों वाहनों का इस्तेमाल हो रहा है। लेकिन होम डेलीवरी करने वाले मात्र 952 लोग पकड़े गए और सिर्फ 1469 वाहन जब्त हुए। उन्होंने कहा कि ये आंकड़े खुद सरकार के हैं। इससे पता चलता है कि पुलिस शराब माफिया के लोगों पर नरम और आम लोगों के प्रति सख्त होकर दोनों तरफ से वसूली में लगी है। सुशील मोदी ने कहा कि अगर रोजाना 10 हजार लीटर और महीने में 3 लाख लीटर शराब जब्त की गई, तो इतनी शराब आ कहां से रही है? जाहिर है सरकार इसकी तस्करी रोक नहीं पा रही है। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार को 2016 की पूर्ण शराबबंदी नीति पर हठ छोड़कर तुरंत समीक्षा करनी चाहिए।
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