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पटना. बिहार में मुजफ्फरपुर के कुढ़नी विधानसभा सीट पर पांच दिसंबर को उपचुनाव होने वाला है. उसको लेकर नामांकन की प्रक्रिया शुरू हो गई है. लेकिन, आरजेडी के पूर्व एमएलए अनिल सहनी की नाराजगी सामने आ रही है. जिस तरह से आरजेडी ने अपनी यह सीट सहयोगी जेडीयू को दे दी है. उसके बाद आरजेडी नेता अनिल सहनी आहत नजर आ रहे हैं. गौरतलब है कि आरजेडी विधायक अनिल सहनी की सदस्यता रद्द होने के बाद ही इस सीट पर उपचुनाव हो रहा है. अनिल सहनी के खुद चुनाव लड़ने पर तो रोक है, लेकिन अपने परिवार या अपने निषाद समाज के खाते से सीट फिसलने के बाद वे अब खुलकर सामने आ गए हैं.
न्यूज -18 से बात करते हुए अनिल सहनी ने कहा कि कुढ़नी में अति पिछड़ा समाज का टिकट नहीं मिलने से सभी लोग मर्माहत हैं. उन्होंने कहा कि दिल्ली से जाने के बाद आगे की रणनीति पर विचार करेंगे. लोगों से राय लेंगे, फीडबैक लेंगे, उसके बाद चुनाव को लेकर फैसला करेंगे.
अनिल सहनी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर भी निशाना साधते हुए उनके अतिपिछड़ा प्रेम पर भी सवाल खड़ा किया है. सहनी ने कहा कि कर्पूरी ठाकुर 1977 में अति पिछड़ा को चिन्हित किए थे. नीतीश जी उसमें 5-7 परसेंट अपना अतिपिछड़ा को जोड़ दिए. जो धनबली था बाहुबली था. वैसे अति पिछड़ा समाज को जोड़कर नगर निकाय और मुखिया के चुनाव में अति पिछड़ा का शोषण किया गया और ये सब नीतीश कुमार के शासनकाल में हुआ. वह किसी से छुपा नहीं है. आरजेडी नेता ने कहा कि कर्पूरी ठाकुर के जो चिन्हित अति पिछड़ा थे. वह भी आज मर्माहत हैं. उनका वोट बैंक 35 प्रतिशत है.
आपके शहर से (पटना)
अब अनिल सहनी उसी 35 फीसदी वोटबैंक की बात कर अतिपिछड़ा की लड़ाई लड़ने की बात कर रहे हैं. सहनी कहते हैं, पूरे बिहार के अति पिछड़ा को गोलबंद कर बताऊंगा कि अतिपिछड़ा का शोषण करने वाला अब तुम्हारी सरकार (नीतीश सरकार) नहीं चलेगी. अब सरकार नहीं चलने वाली है. गांव गांव में पंचायत में जाकर समझाएंगे कि अति पिछड़ा के साथ कैसे छल होता है.
अनिल सहनी ने कहा कि महागठबंधन में जब हम थे और हैं अति पिछड़ा है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि कोई व्यक्तिगत आदमी जब बोलेगा कि हमारे ही कहने पर अति पिछड़ा वोट देता है तो अति पिछड़ा इसी (कुढ़नी प्रत्याशी) में समझ गया है. आप अति पिछड़ा को क्यों नहीं दिए?
बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ने के सवाल पर अनिल सहनी ने कहा कि अपने समर्थकों और कुढ़नी विधानसभा के मतदाताओं से राय कर, अगर ऐसा कुछ होता है तो उनकी राय के अनुसार अगला कदम उठाऊंगा. अगर समर्थक चाहते हैं, शुभचिंतक चाहते हैं, अगर वह कहेंगे तो हम उस पर विचार करेंगे. अनिल सहनी लड़े या न लड़े उसकी पहचान जुब्बा सहनी के खानदान से है. अमर शहीद जुब्बा सहनी के खानदान से है. जुब्बा सहनी का खून अनिल सहनी में चलता है. जुब्बा सहनी ने नहीं सोचा था कि देश आजाद होने के बाद हमारे परिवार को लोगों को झूठे केस में फंसा दिया जाएगा. वैसे लोगों को हम बता देना चाहते हैं वह दिन दूर नहीं जब तुम्हें भी रास्ता दिखाने का काम करेंगे.
तेजस्वी यादव पर भी अनिल सहनी ने कटाक्ष करते हुए कहा कि वे ज्यादा सीट रहते हुए भी नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री बनाए हुए हैं. और उनकी सलाह पर ही चल रहे हैं, नहीं तो अपना सीट देने का कोई तुक नहीं था. लोग कह रहा है कि नीतीश कुमार जो कह रहे हैं वही कर रहे हैं तेजस्वी यादव.
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टैग: बिहार की राजनीति, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, तेजस्वी यादव
प्रथम प्रकाशित : 14 नवंबर 2022, 23:17 IST
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