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कांग्रेस ने उठाया अपनी सरकार पर सवाल: जातीय गणना तो ठीक, शिक्षकों को क्यों लगाया गया इसमें?

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कांग्रेस ने उठाया अपनी सरकार पर सवाल: जातीय गणना तो ठीक, शिक्षकों को क्यों लगाया गया इसमें?

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कांग्रेस ने उठाया अपनी सरकार पर सवाल

कांग्रेस ने उठाया अपनी सरकार पर सवाल
– फोटो : अमर उजाला

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जातीय गणना के शुरू होते ही महागठबंधन की सहयोगी कांग्रेस ने इसपर बड़ा सवाल उठा दिया है । कांग्रेस ने कहा कि शिक्षकों को इस काम में लगाकर सरकार रही –सही शिक्षा का भी नाश करने जा रही हैं । बिहार प्रदेश कांग्रेस कमिटी के प्रवक्ता असित नाथ तिवारी ने कहा कि बिहार सरकार जातीय गणना करवा रही है, इसका स्वागत है। लेकिन, इस काम में पहले ही की तरह शिक्षकों को लगाना अनुचित है। उन्होंने प्रदेश के स्कूली व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए कहा कि राज्य के स्कूलों में वैसे ही शिक्षकों की बहुत कमी है। जिस वजह से छात्र अपने स्कूलों में एक साथ सारे विषय नहीं पढ़ पा रहे हैं। ऐसे में जातीय गणना में शिक्षकों को लगाना राज्य के भविष्य के साथ खिलवाड़ करना है। उन्होंने कहा कि शिक्षकों का काम जातिमुक्त समाज का निर्माण करना है न कि घर घर जाकर उनसे उनका जाति पूछना। असित नाथ तिवारी ने कहा कि शिक्षकों को बस विद्यालय में पढ़ाने के लिए छोड़ दीजिये। क्यों कि उन्हें जातिवाद का चश्मा पहनाना बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करना होगा।
शिक्षकों को पढ़ाने के लिए पर्याप्त समय मिलना चाहिए
असित नाथ तिवारी ने कहा कि शिक्षकों को पढ़ने और पढ़ाने के लिए पर्याप्त समय मिलना चाहिए। उन्हें अलग-अलग कामों में उलझा कर नौनिहालों को पढ़ने और पढ़ाने से वंचित न किया जाय ।
उन्होंने अधिकारियों और विभागीय कर्मियों पर भी सवाल उठाया।.उनका कहना है कि अगर अधिकारियों ने थोड़ी भी मेहनत की होती तो पंचायतों में ही उन्हें गणना के लिए उपयुक्त लोग मिल जाते। हाल के वर्षों में अलग-अलग काम के लिए सरकार ने कई लोगों को पंचायतों में मानदेय पर रखा है। लेकिन इसके लिए अधिकारियों को थोड़ा काम करना पड़ता। ये लोग अपने काम से बचने के लिए पुरानी व्यवस्था को ही दुहरा कर एक बार फिर शिक्षा व्यवस्था को ध्वस्त करने का प्रयास किया है।. कांग्रेस पार्टी ने सरकार से यह मांग किया है कि जातीय गणना के काम से शिक्षकों को मुक्त किया जाए।

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जातीय गणना के शुरू होते ही महागठबंधन की सहयोगी कांग्रेस ने इसपर बड़ा सवाल उठा दिया है । कांग्रेस ने कहा कि शिक्षकों को इस काम में लगाकर सरकार रही –सही शिक्षा का भी नाश करने जा रही हैं । बिहार प्रदेश कांग्रेस कमिटी के प्रवक्ता असित नाथ तिवारी ने कहा कि बिहार सरकार जातीय गणना करवा रही है, इसका स्वागत है। लेकिन, इस काम में पहले ही की तरह शिक्षकों को लगाना अनुचित है। उन्होंने प्रदेश के स्कूली व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए कहा कि राज्य के स्कूलों में वैसे ही शिक्षकों की बहुत कमी है। जिस वजह से छात्र अपने स्कूलों में एक साथ सारे विषय नहीं पढ़ पा रहे हैं। ऐसे में जातीय गणना में शिक्षकों को लगाना राज्य के भविष्य के साथ खिलवाड़ करना है। उन्होंने कहा कि शिक्षकों का काम जातिमुक्त समाज का निर्माण करना है न कि घर घर जाकर उनसे उनका जाति पूछना। असित नाथ तिवारी ने कहा कि शिक्षकों को बस विद्यालय में पढ़ाने के लिए छोड़ दीजिये। क्यों कि उन्हें जातिवाद का चश्मा पहनाना बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करना होगा।

शिक्षकों को पढ़ाने के लिए पर्याप्त समय मिलना चाहिए

असित नाथ तिवारी ने कहा कि शिक्षकों को पढ़ने और पढ़ाने के लिए पर्याप्त समय मिलना चाहिए। उन्हें अलग-अलग कामों में उलझा कर नौनिहालों को पढ़ने और पढ़ाने से वंचित न किया जाय ।

उन्होंने अधिकारियों और विभागीय कर्मियों पर भी सवाल उठाया।.उनका कहना है कि अगर अधिकारियों ने थोड़ी भी मेहनत की होती तो पंचायतों में ही उन्हें गणना के लिए उपयुक्त लोग मिल जाते। हाल के वर्षों में अलग-अलग काम के लिए सरकार ने कई लोगों को पंचायतों में मानदेय पर रखा है। लेकिन इसके लिए अधिकारियों को थोड़ा काम करना पड़ता। ये लोग अपने काम से बचने के लिए पुरानी व्यवस्था को ही दुहरा कर एक बार फिर शिक्षा व्यवस्था को ध्वस्त करने का प्रयास किया है।. कांग्रेस पार्टी ने सरकार से यह मांग किया है कि जातीय गणना के काम से शिक्षकों को मुक्त किया जाए।



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