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पूर्णिया. रोजगार की तलाश में कश्मीर गये मजदूरों की जान पर बन आई है. इन कामगारों को यहां आतंकवादी अपनी गोलियों का निशाना बना रहे हैं. पूर्णिया (Purnia) के दिलखुश ऋषि भी काम के तलाश में कश्मीर गया था, लेकिन आतंकियों ने उसे गोली मार दी. दिलखुश की मौत के बाद लोगों का गुस्सा फूट पड़ा है, वो सरकार और उसकी नीतियों पर सवाल उठा रहे हैं. लोग आतंकवादियों पर कठोर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं.
पूर्णिया जिला के जानकीनगर थाना क्षेत्र के लादूगढ़ गांव के नारायण ऋषि का इकलौता बेटा दिलखुश ईंट-भट्ठा पर मजदूरी करने के लिए कश्मीर के बागडोब गया था. गुरुवार की रात दो नकाबपोश आतंकियों ने खाना बना रहे दिलखुश की गोली मार कर हत्या कर दी. शनिवार को उसका शव उसके पैतृक गांव लादूगढ़ पहुंचा. शव के पहुंचते ही गांव में कोहराम मच गया. दिलखुश का चचेरा भाई रोशन उसका शव लेकर घर पहुंचा है. प्रत्यक्षदर्शी रोशन ने बताया कि गुरुवार की रात नौ बजे दिलखुश अपने ईंट-भट्ठा पर खाना बना रहा था. तभी वहां दो नकाबपोश आतंकवादी पहुंचे और उन्होंने दिलखुश और पंजाब के एक मजदूर को गोली मार दी. इस हमले में दिलखुश की मौत हो गई. उसने बताया कि दिलखुश 10 दिन पहले ही पंजाब से रोजगार के लिए कश्मीर आया था. इससे पहले उसने मुझसे बात की थी तो मैंने उसे यहां जाने से मना किया था. लेकिन पेट की आग बुझाने की खातिर दिलखुश कुलगाम आ गया. यहां वो एक ईंट-भट्ठा पर काम करने लगा था.
रोशन ने कहा कि आतंकी हमले के कारण कश्मीर घाटी में बाहर से काम करने आए मजदूरों में बहुत खौफ है. हालांकि इस घटना के बाद सेना वहां फौरन पहुंची और उसने पूरे क्षेत्र को घेर लिया. रोशन ने बताया कि वहां की सरकार और सेना ने आतंकवादियों के खिलाफ मुहिम छेड़ रखा है. लेकिन आतंकी टारगेट किलिंग कर चुन-चुन कर बाहर से आए मजदूरों की हत्या कर रहे हैं. उसने सरकार से आतंकवादियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की.
वहीं, दिलखुश के पिता नारायण ऋषि का कहना है कि अगर बिहार में रोजगार होता तो उनका बेटा कमाने के लिए कश्मीर नहीं जाता. उन्होंने सरकार से यह मांग की कि जिस तरह आतंकवादियों ने उनके बेटे की गोली मार कर हत्या की है उसी तरह सरकार और सेना उनका चुन-चुन कर सफाया करे तभी उनके बेटे को सच्ची श्रद्धांजलि मिलेगी. वो जहां आतंकवादियों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं. वहीं, वो रोजगार के लिए मजदूरों के पलायन पर भी सवाल उठा रहे हैं.
गांव के मुखिया के पति सुशील शाह ने कहा कि उनके गांव के कई लोग रोजगार की तलाश में बाहर गए हैं. उन्होंने भी मजदूरों के पलायन पर सवाल उठाते हुए अपने इलाके में रोजगार मुहैया कराने की मांग की. उन्होंने सरकार से पीड़ित परिवार को मदद देने की मांग की ताकि उनका जीवन सही तरीके से कट सके.
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प्रथम प्रकाशित : जून 04, 2022, 17:53 IST
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