
[ad_1]

90 साल की सुभद्रा देवी अभी दिल्ली में बेटे-बहू के पास रहती हैं।
– फोटो : अमर उजाला
विस्तार
इस बार बिहार के नाम तीन पद्मश्री पुरस्कार रहे। एक सुपर 30 के विश्व प्रसिद्ध चेहरे आनंद कुमार। बाकी दो ऐसी शख्सियतें, जिनकी चर्चा खास अवसरों पर ही होती थीं। एक हैं सुभद्रा देवी और दूसरे कपिलदेव प्रसाद। बिहार के इन दो बुजुर्ग कलाकारों को जिन कलाओं के लिए पद्मश्री सम्मान मिल रहा, वह कला भी अब पहचानी जाएगी। सुभद्रा देवी को पेपरमेसी कला के लिए, जबकि कपिलदेव प्रसाद को बावन बूटी के लिए पद्मश्री मिला है। पहली बार इन दोनों विधाओं को पद्मश्री की घोषणा से इनकी अलग तरह की पहचान विकसित होगी। इस स्टोरी में जानते हैं कौन हैं सुभद्रा देवी और क्या है पेपरमेसी?
[ad_2]
Source link