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काम कोई भी छोटा या बड़ा नहीं होता
उन्होंने बताया कि किसी भी काम में संकोच नहीं रखना चाहिए, काम कोई भी छोटा या बड़ा नहीं होता। उन्होंने कहा ऐसे ही लोगों की सोच बदलने के लिए वे ठेले पर चाय की दुकान लगा रहे हैं। उन्होंने अपने ठेले पर भी बाकायदा ‘कमांडो चाय अड्डा’ लिखवा रखा है। कमांडो की चाय की दुकान देखते ही लोग वहां पहुंच रहे हैं और कड़क चाय का आनंद ले रहे हैं।
40 दिनों की छुट्टी में घर आये हुए हैं मोहित
मोहित की मानें तो उनके पिता भी बीएसएफ में थे। उनका 11 अगस्त 1996 में ड्यूटी के दौरान ही निधन हो गया। इस समय मोहित मात्र दो साल के थे। इसी बीच 2014 में बीएसएफ में अनुकंपा पर नौकरी हुई थी। बाद में डेप्युटेशन पर एनएसजी कमांडो के रूप में ड्यूटी की। फिलहाल वे दिल्ली में कार्यरत हैं और 40 दिनों की छुट्टी में घर आये हुए हैं।
छोटी शुरुआत से पाया जा सकता है बड़ा मुकाम
मोहित का मानना है कि कोई भी काम छोटा बड़ा नहीं होता, अगर किसी भी काम को मन और लगन से किया जाये तो छोटी शुरुआत से बड़ा मुकाम पाया जा सकता है। भविष्य की तैयारी करने से पहले वर्तमान में करनी पड़ती है। मोहित की बनी चाय को सभी पसंद भी कर रहे हैं।
कमांडो चाय अड्डा पर चाय पीने आए इंस्पेक्टर जितेंद्र कुमार भी कहते हैं कि युवक कमांडो हैं और चाय बेच रहे हैं। यह जॉब में भी है, लेकिन यह संदेश दे रहे हैं कि कोई भी स्टार्टअप शुरू कर रोजगार किया जा सकता है। उन्होंने भी मोहित के प्रयास की खूब प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि यह बड़ा संदेश है।
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