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हाइलाइट्स
नेशनल चाइल्ड एजुकेशन केयर संस्था के नाम पर बेरोजगार युवक से ठगी.
200 बेरोजगार युवकों से बड़ी रकम वसूलकर फरार, एसपी से लगाई गुहार.
बेगूसराय. नेशनल चाइल्ड एजुकेशन केयर के नाम पर पूरे जिले में तकरीबन डेढ़ सौ से 200 युवकों को बहाल किया गया था. नौकरी देने के नाम पर तीस हजार से लेकर डेढ़ लाख तक की उगाही की गई, और महज कुछ ही दिनों के बाद यह संस्था फरार हो गई. पीड़ित युवकों ने बेगूसराय जिला प्रशासन से मिलकर न्याय की गुहार लगाई है.
पीड़ित युवकों के द्वारा बताया जा रहा है कि उक्त संस्था के तार उड़ीसा से लेकर कई हिंदी भाषी राज्यों तक फैले हुए हैं और हजारों की संख्या में बेरोजगार युवकों को चूना लगाया गया है. दरअसल, पूरा मामला उस वक्त सामने आया जब सैकड़ों की संख्या में बेरोजगार युवकों की एक टोली ने बेगूसराय के एसपी योगेंद्र कुमार से न्याय की गुहार लगाई.
युवकों के द्वारा बताया गया कि 6 माह पूर्व जिले के सभी मुखिया के माध्यम से नेशनल चाइल्ड एजुकेशन केयर से नाम की संस्था ने एक वैकेंसी निकाली थी. इसके तहत आंगनबाड़ी की तर्ज पर 15 छात्रों को पढ़ाने के लिए एक शिक्षक एवं प्रत्येक पंचायत के लिए एक कोऑर्डिनेटर बहाल करने की प्रक्रिया बताई गई. उक्त संस्था के द्वारा गूगल पर इसके लिए वैकेंसी भी निकाली गई. इसके वेबसाइट भी बनाए गए थे.
आपके शहर से (पटना)
गूगल पर सर्च करने के बाद अधिकांश छात्रों को विश्वास हो गया कि यह सरकारी संस्था है. तब उन्होंने इसके लिए आवेदन दिया. आवेदन के बाद संस्था के द्वारा डिजिटल मीटिंग के माध्यम से सभी अभ्यार्थियों का साक्षात्कार भी किया गया. इसके बाद जॉइनिंग के नाम पर तीस हजार से लेकर डेढ़ लाख तक रुपए वसूले गए. छात्रों से ये सारे रुपए पटना के फुलवारी शरीफ के रहने वाले किसी रवि प्रकाश के अकाउंट में डलवाए गए.
छात्रों ने बताया कि तकरीबन 2 महीने तक उन लोगों से काम भी करवाए गए और इसके लिए जगह-जगह सेंटर भी खोले गए. लेकिन, होली की शुरुआत से पहले संस्था के द्वारा 11 दिन की छुट्टी दी गई और इन 11 दिनों में संस्था ने वेबसाइट से अपने सारे साक्ष्य भी मिटा लिए. अभ्यार्थियों ने बताया कि संस्था का मुख्य कार्यालय उड़ीसा बताया जा रहा है. जब छात्रों को यह आभास हुआ कि संस्था के द्वारा बिहार, झारखंड सहित कई राज्यों में करोड़ों के चुने लगाए जा चुके हैं. तब बेगूसराय के अभ्यार्थियों ने बेगूसराय जिला प्रशासन के समक्ष न्याय की गुहार लगाई है.
वहीं उक्त मामले में बेगूसराय के सांसद प्रतिनिधि शह अधिवक्ता अमरेंद्र कुमार अमर ने कहा है कि इतने बड़े पैमाने पर इस फ्रॉड को अंजाम दिया गया है. इसके लिए निर्वाचित जनप्रतिनिधि मुखिया को भी लक्ष्य किया गया. इतने लंबे समय तक आंगनबाड़ी के समकक्ष एक संस्था चलती रही और जिला प्रशासन को कानों कान भनक तक नहीं हुई. इससे ऐसा प्रतीत होता है कि उक्त मामले में कहीं ना कहीं बाल विकास परियोजना सहित शिक्षा विभाग भी शामिल है. अमरेंद्र कुमार अमर ने उच्चस्तरीय जांच की मांग की है.
बहरहाल, मामला संज्ञान में आने के बाद बेगूसराय के एसपी योगेंद्र कुमार ने तत्काल एक्शन लेते हुए सर्किल इंस्पेक्टर को जांच का जिम्मा दिया है. इसके साथ ही निर्देश दिया है कि एक टीम का गठन कर जल्द से जल्द उच्च स्तरीय जांच की जाए जिससे कि उक्त मामले में दूध का दूध और पानी का पानी हो सके. एसपी योगेंद्र कुमार ने आश्वासन दिया है कि जल्द ही पूरे मामले का खुलासा कर लिया जाएगा.
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पहले प्रकाशित : 16 मार्च, 2023, शाम 5:14 बजे IST
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