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न्यूज डेस्क, अमर उजाला, कटिहार
द्वारा प्रकाशित: सुरेंद्र जोशी
अपडेट किया गया शनि, 14 मई 2022 दोपहर 12:20 बजे IST
सार
यह खबर न केवल बिहार सरकार की बल्कि राष्ट्रीय सर्वशिक्षा अभियान की भी पोल खोल रही है। हर साल करोड़ों का शिक्षा बजट मंजूर होता है, लेकिन उसके बाद भी यह हाल हैं।
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विस्तार
बिहार की शिक्षा सुविधाओं की झलक पाना है तो यह खबर पढ़ लीजिए। कटिहार जिले के मनिहारी प्रखंड का एक सरकारी स्कूल ऐसा है, जिसमें एक कमरे में पहली से लेकर पांचवीं कक्षा तक की पढ़ाई हो रही है। एक ब्लैक बोर्ड पर शिक्षक आधे-आधे हिस्से में पढ़ाते हैं।
यह खबर न केवल बिहार सरकार की बल्कि राष्ट्रीय सर्वशिक्षा अभियान की भी पोल खोल रही है। हर साल करोड़ों का शिक्षा बजट मंजूर होता है, लेकिन उसके बाद भी यह हालात हैं। मनिहारी प्रखंड के एक उर्दू प्राथमिक स्कूल की एक कक्षा में पांचवीं तक के बच्चे एक साथ बैठते हैं और एक ही ब्लैक बोर्ड होने से हिंदी और उर्दू भाषा समेत अन्य विषयों की पढ़ाई एक साथ कराई जाती है।
इस उर्दू प्राथमिक स्कूल को 2017 में विश्वनाथ चौधरी आदर्श माध्यमिक स्कूल, आजमपुर गोला में स्थानांतरित किया गया था। उसके बाद से छात्र व परिजन परेशान हैं। माध्यमिक स्कूल की शिक्षिका नीलम कुमारी बताती हैं कि पहले से ही कमरों की कमी थी, इसके बाद भी उर्दू स्कूल यहां शिफ्ट कर दिया गया। इस कारण कक्षा पहली से पांचवी तक सिर्फ एक ही कमरा दिया जा सका। पांच साल बाद भी एक ही कमरे में पांचवीं कक्षा तक की कक्षाएं लग रही हैं।
कटिहारी के जिला शिक्षा पदाधिकारी कामेश्वर प्रसाद गुप्ता के अनुसार, उन्हें इस समस्या की जानकारी अब मिली है। जल्द ही समस्या हल कर दी जाएगी।
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