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कांग्रेस ने राजेश कुमार को उम्मीदवार बनाया जबकि ललन बाबू बेटिकट हो गये। बेटिकट होने के बावजूद उन्होंने पार्टी से वफादारी निभाई। गठबंधन के साथी उम्मीदवार का साथ दिया और हम के उम्मीदवार संतोष मांझी की तगड़ी चुनौती के बावजूद कांग्रेस प्रत्याशी राजेश कुमार चुनाव जीत गये। पूरे पांच साल राजेश विधायक रहे। इस बीच जेडीयू का आरजेडी-कांग्रेस से याराना टूटने से ललन जी को उम्मीद थी कि 2019 के विधानसभा चुनाव में जेडीयू उन्हें टिकट देगी, लेकिन फिर उन्हें निराशा हाथ लगी।
जेडीयू के एनडीए गठबंधन में आ जाने के कारण यहां से श्रवण भुईयां को उम्मीदवार बना दिया गया। इधर कांग्रेस के राजेश कुमार फिर से चुनाव जीत गये। लिहाजा ललन जी फिलहाल पिछले 10 साल से राजनीतिक बेरोजगारी झेल रहे हैं। पार्टी ने उन्हें किसी तरह का घास नहीं डाला।
इध, अपनी ही पार्टी की पूर्ण शराबबंदी की नीति का भी एक बार खामियाजा ललन जी को भुगतना पड़ा। अब आलम यह है कि बेचारे ललन जी के पास कोई खास कुछ काम नहीं है। लिहाजा वह राजनीतिक रूप से बेरोजगार से हैं। इसी बीच ललन जी को पता चला कि नबीनगर पावर जेनरेटिंग कंपनी लि.(एनपीजीसीएल) कारपोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व निर्वहन के तहत भागलपुर कृषि यूनिवर्सिटी, सबौर के सहयोग से मधुमक्खी पालन का प्रशिक्षण देने जा रही है। यहां पर ललन जी को अपनी बेरोजगारी और राजनीतिक बेरोजगारी दोनो को दूर करने के लिए उम्मीद की एक किरण दिखी।
लिहाजा पूर्व विधायक ललन जी ने मधुमक्खी पालन की तीन दिनों की ट्रेनिंग ली। ट्रेनिंग से पूर्व विधायक अब मधुमक्खी पालन का सारा गुर सीख चुके हैं। अब उन्होंने इरादा पक्का कर लिया है कि मधुमक्खी पालन कर अपनी बेरोजगारी दूर करेंगे। साथ ही कुटुम्बा विधानसभा क्षेत्र में जगह जगह शिविर लगाकर किसानों को मधुमक्खी पालन करने की ट्रेनिंग भी देंगे। ऐसा करने से एक तो बेरोजगार पूर्व विधायक को आमदनी होगी तो दूसरी ओर इसी बहाने उनके लिए वोट की भी फसल तैयार होगी।
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