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औरंगाबाद में लहरिया कट बाइक सवार ने बुजुर्ग को कराहता हुआ छोड़ा। अब हायर सेंटर रेफर।
– फोटो : अमर उजाला
विस्तार
11 से 17 जनवरी तक परिवहन विभाग एक तरफ पूरे बिहार में सड़क सुरक्षा सप्ताह के नाम पर जागरुकता अभियान चला रहा है और दूसरी तरफ सड़क पर लापरवाही से बाइक भगाने का खामियाजा भुगत एक बुजुर्ग दर्द से कराह रहे हैं। शनिवार को लहरिया कट बाइक सवार ने बुजुर्ग को ऐसा धक्का मारा कि हाथ-पैर टूट गए। संवेदनहीनता की हद यह रही कि उस सुनसान जगह को बुजुर्ग को जानलेवा जख्म देने वाला बाइक सवार रुका भी नहीं, मरने के लिए छोड़ गया।
दोनों हाथ-पैर टूटने के कारण हायर सेंटर रेफर
नबीनगर प्रखंड के एनटीपीसी खैरा थाना क्षेत्र में शनिवार को दोपहर लहरियाकट बाइक सवार ने सड़क पार कर रहे वृद्ध को जोदार टक्कर मार दी। हादसे के वक्त दूर-दूर तक कोई नहीं था। बाद में उधर से गुजरते लोगों ने कराहते बुजुर्ग को देखा तो नबीनगर रेफरल अस्पताल ले गए। यहां से चिकित्सकों ने प्राथमिक उपचार के बाद बेहतर इलाज के लिए औरंगाबाद सदर अस्पताल रेफर कर दिया। सदर अस्पताल में वृद्ध का इलाज किया गया। उनकी हालत अब खतरे से बाहर है, लेकिन दोनों हाथ-पैर टूट जाने के कारण उन्हें विशेषज्ञ चिकित्सक से इलाज के लिए हायर सेंटर रेफर किया गया है। घायल वृद्ध राजकिशोर सिंह (60वर्ष) नबीनगर थाना क्षेत्र के छोटकी पाढ़ी गांव के निवासी हैं। बताया जाता है कि वृद्ध अपने गांव से बाजार करने नबीनगर प्रखंड मुख्यालय आए थे। बाजार कर घर वापसी के दौरान ही यह हादसा हुआ।
सड़क हादसों के मामले में टॉप पर औरंगाबाद
सड़क हादसों के मामले में औरंगाबाद टॉप पर है। सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने व ब्लैक स्पॉट चिह्नित करने के लिए 2021 में बिहार के राष्ट्रीय राजमार्गों (एनएच) का सर्वे किया गया था। सर्वे में पांच सबसे अधिक हादसों वाले एनएच चिह्नित किए गए। औरंगाबाद से होकर गुजरने वाले एनएच-19 जीटी रोड के वाराणसी-औरंगाबाद खंड को सर्वे में सबसे खतरनाक पाया गया था। उस सर्वे में एनएच-28 छपरा-बेतिया-लौरिया-बगहा, एनएच-57 मुजफ्फरपुर-दरभंगा-फारबिसगंज व पूर्णिया, एनएच-30 पटना-बख्तियारपुर और एनएच-31 बरौनी-मुजफ्फरपुर-पिपरा कोठी के बीच सबसे अधिक सड़क दुर्घटनाएं दर्ज की गई थीं।
मौतों के आंकड़े से सबक नहीं
देशव्यापी पैमाने पर भी भारत में सड़क हादसों की स्थिति काफी डराने वाली है। उसके बावजूद लोग सुधरने के लिए तैयार नहीं हैं। न तो गाड़ी चलाने वाले और न पैदल सड़क पार करने वाले। 2021 में हुए सड़क हादसों के आंकड़े की बात करें तो देश में हर रोज करीब 426 लोग सड़क हादसों में जान गंवाते हैं। इस हिसाब से देखा जाए तो हर घंटे करीब 18 लोगों की मौत सड़क हादसों में होती है।
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