[ad_1]
कोचिंग संस्थानों की पढ़ाई से बने टॉपर्स
सभी टॉपर्स से हुई बातों का लब्बोलुआब यही है कि भले ही उनके टॉप करने से कॉलेज का नाम हो रहा हो, लेकिन उनके टॉपर बनने के पीछे उनकी कोचिंग की पढ़ाई है। इस बात को टॉपर्स ने खुलकर स्वीकार भी किया है। अपने टीचर्स को सफलता का श्रेय भी दिया है। जो भी टॉपर्स हैं, वे शहर के दो अलग-अलग कोचिंग संस्थानों के छात्र हैं। लिहाजा इन कोचिंग संस्थान के संचालक नपे तुले शब्दों में क्रेडिट भी ले रहे हैं।
कोचिंग संचालक धीरज सिंह कहते हैं कि सभी पांच इंटर कॉमर्स टॉपर्स शहर के सच्चिदानंद सिन्हा कॉलेज के छात्र रहे हैं। इनमें चार ने उनके कोचिंग से इंटर कॉमर्स की पढ़ाई की है। इन टॉपर्स में ज्वाइंट स्टेट टॉपर-1 सोम्या शर्मा और रजनीश पाठक, स्टेट टॉपर-2 तनूजा सिंह, ज्वाइंट स्टेट टॉपर- 4 विधि कुमारी और सोनम कुमारी शामिल हैं। उन्होने कहा कि ये सभी स्टूडेंट्स मेहनती हैं। इन्होने जमकर परिश्रम कर यह सफलता हासिल की है। उन्होंने और उनकी कोचिंग के अन्य टीचर्स ने भी इन्हे टॉपर लायक बनाने में कोई कोर कसर बाकी नहीं रखी। स्टूडेंट्स के टॉप करने का क्रेडिट तो उन्हें छात्र ही दे रहे हैं। साथ ही टीचिंग के क्षेत्र में उनका कोचिंग एक ब्रांड के रूप में स्थापित हो रहा है।
Aurangabad News: इंटर में कॉमर्स के 5 टॉपर्स देने वाले कॉलेज का हाल देखिए
वहीं एक और कोचिंग के संचालक और टॉपर्स की फैक्ट्री यानी एसएन सिन्हा कॉलेज के कॉमर्स विभाग में ही फैकल्टी अनील सिंह बताते है कि कॉलेज के पांच स्टेट टॉपर्स में एक सोनम कुमारी उनके कोचिंग की छात्रा है। सोनम स्टेट टॉपर-4 है। इसके अलावा इंटर कॉमर्स के सभी जिला टॉपर्स भी उन्हीं के कोचिंग के स्टूडेंट्स है। स्ट्रडेंट्स की सफलता का श्रेय वे अकेले अपने कोचिंग को नहीं देते हैं बल्कि उनकी सफलता में कॉलेज के फैकल्टीज की भी मेहनत है।
कॉमर्स विभाग में टीचर्स की कमी
जिस सच्चिदानंद सिन्हा कॉलेज के नाम पर इन छात्रों ने टॉप किया है, वहां संसाधनों और टीचर्स का घोर अभाव है। कॉमर्स विभाग का अपना भवन नहीं है। रेगुलर टीचर्स नहीं हैं। फैकल्टीज से काम चलाया जा रहा है। मात्र तीन फैकल्टीज हैं। इनमें एक अनील सिंह खुद कॉमर्स कोचिंग चलाते हैं। टॉपर्स में आधे उनके ही कोचिंग के छात्र हैं। कॉलेज में कमियों को प्रभारी प्राचार्य अरविंद सिंह भी स्वीकार करते हैं। उन्ंहे सरकार और विश्वविद्यालय प्रशासन से बेहतरी की उम्मीद है। टॉपर्स को मिली सफलता का क्रेडिट फिफ्टी-फिफ्टी के अनुपात में अपने कॉलेज और कोचिंग संस्थानों को देते हैं।
रिपोर्ट- आकाश कुमार
[ad_2]
Source link