Home Bihar एक साथ तीन पीढ़ियों की खुदकुशी, पैसे की परेशानी में उजड़ा परिवार, बिहार में 5 लोगों ने दे दी जान

एक साथ तीन पीढ़ियों की खुदकुशी, पैसे की परेशानी में उजड़ा परिवार, बिहार में 5 लोगों ने दे दी जान

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एक साथ तीन पीढ़ियों की खुदकुशी, पैसे की परेशानी में उजड़ा परिवार, बिहार में 5 लोगों ने दे दी जान

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समस्तीपुर : विद्यापतिनगर में एक साथ तीन पीढ़ियों ने खुदकुशी कर ली। मृतकों में 65 साल की बुजुर्ग से लेकर 7 साल का बच्चा तक शामिल है। मतलब परिवार में कोई नहीं बचा। सभी का फंदे से लटका शव बरामद किया गया। आशंका है कि बारी-बारी से सबने फांसी लगाई है। घर के सारे सामान जस के तस पड़े हुए हैं, इसलिए ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है, कोई जोर-जबर्दस्ती नहीं की गई थी। वैसे पुलिस मामले की जांच कर रही है, जिसमें खुदकुशी और हत्या दोनों एंगल शामिल है।

कर्ज ने किया परिवार का खात्मा?
समस्तीपुर के विद्यापतिनगर थाने के मऊ गांव में दिल दहला देनेवाली घटना सामने आई है। ऐसा कहा जा रहा है कि पैसे की तंगी की वजह से परेशान एक ही परिवार के पांच लोगों ने आत्महत्या कर ली। मनोज झा ऑटो चलाकर और खैनी बेचकर अपने परिवार का गुजर बसर करते थे। पारिवारिक दायित्वों का निर्वहन करने के दौरान में उन्होंने कई समूहों से कर्ज भी लिया था। आमदनी के हिसाब से देनदारी को चुकाते थे, मगर उतनी आमदनी नहीं हो पाती थी।

तकादावालों से परेशान थे मनोज
ऐसा कहा जा रहा कि कर्ज का बोझ और पारिवारिक दायित्वों को पूरा करने में असफल रहने की वजह से मनोज झा बेहद परेशान रहते थे। समय-सीमा के अंदर कर्ज की अदायगी नहीं कर पाते थे। बार-बार उन्हें तकादा भी झेलनी पड़ रही थी। आशंका जताई जा रही कि मुश्किल आर्थिक हालात की वजह से उन्होंने सपरिवार घर में फांसी के फंदे पर लटककर जान दे दी।
Samastipur Suicide News : समस्तीपुर में फांसी के फंदे पर झूल गए एक ही परिवार के 5 लोग, आर्थिक तंगी के चलते उठाया कदम
मृतकों में बुजुर्ग से लेकर बच्चा तक
ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि घर में बारी-बारी से फांसी का फंदा बना उस पर लटककर सबने जान दे दी। मृतकों में वार्ड 11 निवासी रविकांत झा के बेटे मनोज झा (45), मनोज झा की मां सीता देवी (65), मनोज झा के बेटे सत्यम कुमार (10), शिवम कुमार (7) और मनोज की पत्नी सुंदरमणि देवी (38) शामिल हैं। घटनास्थल पर पुलिस ने पहुंचकर पूरी तरह घेराबंदी कर दी। एफएसल टीम को भी बुलाया गया।

खिड़की से झांकते ही कोहराम
ग्रामीणों ने मीडिया को बताया कि रविवार सुबह साढ़े सात से आठ बजे के बीच स्वयं सहायता समूह की महिलाएं मनोज के घर पहुंची थी। घर बंद देख दरवाजे को खटखटाया, फिर उनकी पत्नी को आवाज लगाई। काफी देर बाद भी जब कोई जवाब नहीं मिला तो आसपास के लोगों को बुलाकर, इसकी जानकारी दी। फिर आस-पड़ोस के लोग भी पहुंचे। आवाज दिए, दरवाजा खटखटाए, अंदर से कोई आवाज नहीं आई। तब लोगों ने किसी तरह खिड़की से झांक कर देखा तो सभी को फंदे से लटका देख कोहराम मच गया।

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