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बिहार में सत्ताधारी गठबंधन राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के दो प्रमुख घटक दलों जनता दल युनाइटेड (JDU) और भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेताओं के बीच जुबानी जंग तेज हो गई है। जातीय जनगणना और विशेष राज्य के दर्जा की मांग को लेकर दोनों दल पहले से ही अलग-अलग राह पर चल रहे थे अब सम्राट अशोक और शराबबंदी के मुद्दे पर दोनों दलों के बीच तल्खी बढ़ती जा रही है। मौजूदा वक्त में जेडीयू के उपेंद्र कुशवाहा और ललन सिंह सरीखे नेता खुलकर बीजेपी पर आक्रामक हैं। वहीं बीजेपी की ओर से प्रदेश अध्यक्ष संजय जाससवाल सोशल मीडिया के जरिए जेडीयू पर अटैक करने का एक भी मौका नहीं गंवा रहे हैं।
संजय जासवाल ने दे डाली नसीहत
संजय जासवाल ने ललन सिंह और उपेंद्र कुशवाहा का नाम लिए बगैर कहा, ‘आप सब बड़े नेता है। एक बिहार में एवं दूसरे केंद्र में मंत्री रह चुके हैं। फिर इस तरह की बात कहना कि राष्ट्रपति जी द्वारा दिए गए पुरस्कार को प्रधानमंत्री वापस लें, से ज्यादा बकवास हो ही नहीं सकता।’
संजय जायसवाल ने सोमवार को कहा कि सम्राट अशोक के खिलाफ टिप्पणी मामले में राज्य सरकार दया प्रकाश सिन्हा को उनकी ओर से दर्ज करायी गयी प्राथमिकी के आधार पर उन्हें गिरफ्तार करे और त्वरित सुनवायी अदालत से तुरंत सजा दिलवाये। जायसवाल ने सोमवार को अपने फेसबुक पोस्ट के जरिए कहा, ‘सबसे पहले बिहार सरकार दया प्रकाश सिन्हा जी को मेरी प्राथमिकी के आलोक में गिरफ्तार करे और त्वरित सुनवायी अदालत से तुरंत सजा दिलवाये। उसके बाद बिहार सरकार का एक प्रतिनिधिमंडल राष्ट्रपति के पास जाकर हम सब की बात रखे कि एक सजायाफ्ता का पद्मश्री पुरस्कार वापस लिया जाए।’
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कुशवाहा ने संजय जायसवाल पर किया तीखा हमला
उपेंद्र कुशवाहा ने संजय जायसवाल पर हमला बोलते हुए कहा है कि उन्हें खुद नहीं पता कि वो क्या बोलते हैं। उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि ‘संजय जायसवाल दल से कार्रवाई की मांग कर रहे हैं, लेकिन क्या उन्हें नहीं पता कि कार्रवाई सरकार करती है, कोई पार्टी नहीं।’
इससे पहले नालंदा में जहरीली शराब पीने से 10 से ज्यादा लोगों की मौत मामले पर जेडीयू की तरफ से कानून की समीक्षा नहीं किए जाने वाले बयान पर बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष डा. संजय जायसवाल ने जेडीयू नेता उपेंद्र कुशवाहा की तुलना रामायण के पात्र मंथरा से कर दी। जायसवाल ने कहा कि कुछ लोग जेडीयू में सुपारी लेकर आए हैं और वह पार्टी का सर्वनाश करके दम लेंगे। यहां याद दिला दें कि यह पूरा प्रकरण जेडीयू के प्रवक्ता अभिषेक झा की ओर से बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष पर जुबानी हमले के साथ शुरू हुई है।
पूरे प्रकरण में चुप क्यों हैं नीतीश कुमार?
बिहार की मौजूदा राजनीति में संजय जायसवाल पार्टी की ओर से बीजेपी का सबसे बड़ा चेहरा हैं। वहीं उपेंद्र कुशवाहा और ललन सिंह जेडीयू के वरिष्ठ और निर्णायक फैसले लेने वाले नेता हैं। एनडीए के इन तीन बड़े नेताओं के बीच जुबानी जंग जारी है, लेकिन बिहार में इस गठबंधन का सबसे अहम नेता मुख्यमंत्री नीतीश कुमार चुप्पी साधे हुए हैं। ऐसे में राजनीतिक गलियारे में सवाल उठ रहे हैं कि गठबंधन के वरिष्ठ नेताओं के बीच सिर फुटव्वल होने के बाद भी नीतीश कुमार चुप्प क्यों हैं। बीजेपी के नेता दबी जुबान में यहां तक आरोप लगा रहे हैं कि उपेंद्र कुशवाहा और ललन सिंह सरीखे नेता बिना नीतीश कुमार की शह के इस तरह का बयान नहीं दे सकते हैं। सच क्या है यह तो तभी स्पष्ट हो पाएगा जब खुद नीतीश कुमार मीडिया के सामने आकर इस मुद्दे पर अपनी बात रखेंगे।
बीजेपी सांसद संजय जायसवाल और जेडीयू नेता उपेंद्र कुशवाहा।
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