Home Bihar आसनसोल उपचुनाव:शत्रुघ्न सिन्हा के खिलाफ रविशंकर प्रसाद करेंगे प्रचार, पटना साहिब में दोनों के बीच हुई थी जबरदस्त टक्कर

आसनसोल उपचुनाव:शत्रुघ्न सिन्हा के खिलाफ रविशंकर प्रसाद करेंगे प्रचार, पटना साहिब में दोनों के बीच हुई थी जबरदस्त टक्कर

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आसनसोल उपचुनाव:शत्रुघ्न सिन्हा के खिलाफ रविशंकर प्रसाद करेंगे प्रचार, पटना साहिब में दोनों के बीच हुई थी जबरदस्त टक्कर

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न्यूज डेस्क, अमर उजाला, कोलकाता

द्वारा प्रकाशित: शिव शरण शुक्ला
अपडेटेड बुध, 06 अप्रैल 2022 07:36 अपराह्न IST

सार

शत्रुघ्न सिन्हा कांग्रेस के उम्मीदवार के रूप में 2019 का चुनाव लड़े थे और तब रविशंकर प्रसाद ने सिन्हा को आसानी से हरा दिया था। 2019 में पटना साहिब सीट पर रविशंकर प्रसाद और शत्रुघ्न सिन्हा के बीच हुई चुनावी लड़ाई सबसे चर्चित मुकाबलों में से एक थी।

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पश्चिम बंगाल की आसनसोल लोकसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव को लेकर भाजपा ने अपनी कमर कस ली है। भाजपा ने इस सीट पर प्रचार के लिए रविशंकर प्रसाद को जिम्मेदारी दी है। वहीं टीएमसी भी इस सीट को लेकर कोई भी कोर-कसर छोड़ना नहीं चाह रही है। टीएमसी ने इस सीट पर शत्रुघ्न सिन्हा को उम्मीदवार बनाया है। इस सीट पर प्रचार के लिए रविशंकर प्रसाद के साथ राम कृपाल यादव भी रहेंगे। राम कृपाल यादव पूर्व केंद्रीय मंत्री और पाटलिपुत्र लोकसभा सीट से सांसद हैं।

भाजपा ने पश्चिम बंगाल विधानसभा में विधायक अग्निमित्र पॉल को इस उपचुनाव में अपना उम्मीदवार बनाया है। सिने अभिनेता से राजनेता बने शत्रुघ्न सिन्हा पर कटाक्ष करते हुए यादव ने कहा कि आसनसोल के लोगों को सिन्हा के पटना साहिब सांसद के रूप में 10 साल के प्रदर्शन के बारे में बताया जाना चाहिए। वे कांग्रेस के उम्मीदवार के रूप में 2019 का चुनाव लड़े थे और तब रविशंकर प्रसाद ने सिन्हा को आसानी से हरा दिया था। 2019 में पटना साहिब सीट पर रविशंकर प्रसाद और शत्रुघ्न सिन्हा के बीच हुई चुनावी लड़ाई सबसे चर्चित मुकाबलों में से एक थी।

राम कृपाल यादव ने इस दौरान सिन्हा पर बाहरी होने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि लोगों को किसी ऐसे व्यक्ति को चुनना चाहिए जो उनके बीच में रहे और उनकी जरूरतों के लिए उपलब्ध रहे। रविशंकर प्रसाद और राम कृपाल यादव दोनों ही भाजपा के प्रचार अभियान के तहत विभिन्न सभाओं को संबोधित करेंगे।

गौरतलब है कि बंगाल की लोकसभा सीट बाबुल सुप्रियो के इस्तीफा देने के बाद से खाली हो गई थी जिसके कारण यहां उपचुनाव करवाना पड़ रहा है। इसके अलावा टीएमसी नेता सुब्रत मुखर्जी के निधन के बाद बालीगंज विधानसभा सीट खाली हुई है, जिसके बाद अब यहां भी उपचुनाव कराए जाएंगे।

बंगाल में एक लोकसभा और चार विधानसभा सीटों पर 12 अप्रैल को उपचुनाव होना है। इन दोनों सीटों पर चल रही सियासत एक बार फिर से गरमा गई है। इस बार देखने वाली बात यह होगी कि इन सीटों पर भाजपा को सफलता मिलती है या टीएमसी को। हाल के चुनावों में टीएमसी के प्रदर्शन को देखने के बाद लग रहा है कि शत्रुघ्न सिन्हा इस बार बाजी मार सकते हैं। वहीं बाबुल सुप्रियो को भी सेफ सीट दी गई है। यहां टीएमसी नेता सुब्रत मुखर्जी के निधन के बाद उपचुनाव कराने की घोषणा की गई है।

विस्तार

पश्चिम बंगाल की आसनसोल लोकसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव को लेकर भाजपा ने अपनी कमर कस ली है। भाजपा ने इस सीट पर प्रचार के लिए रविशंकर प्रसाद को जिम्मेदारी दी है। वहीं टीएमसी भी इस सीट को लेकर कोई भी कोर-कसर छोड़ना नहीं चाह रही है। टीएमसी ने इस सीट पर शत्रुघ्न सिन्हा को उम्मीदवार बनाया है। इस सीट पर प्रचार के लिए रविशंकर प्रसाद के साथ राम कृपाल यादव भी रहेंगे। राम कृपाल यादव पूर्व केंद्रीय मंत्री और पाटलिपुत्र लोकसभा सीट से सांसद हैं।

भाजपा ने पश्चिम बंगाल विधानसभा में विधायक अग्निमित्र पॉल को इस उपचुनाव में अपना उम्मीदवार बनाया है। सिने अभिनेता से राजनेता बने शत्रुघ्न सिन्हा पर कटाक्ष करते हुए यादव ने कहा कि आसनसोल के लोगों को सिन्हा के पटना साहिब सांसद के रूप में 10 साल के प्रदर्शन के बारे में बताया जाना चाहिए। वे कांग्रेस के उम्मीदवार के रूप में 2019 का चुनाव लड़े थे और तब रविशंकर प्रसाद ने सिन्हा को आसानी से हरा दिया था। 2019 में पटना साहिब सीट पर रविशंकर प्रसाद और शत्रुघ्न सिन्हा के बीच हुई चुनावी लड़ाई सबसे चर्चित मुकाबलों में से एक थी।

राम कृपाल यादव ने इस दौरान सिन्हा पर बाहरी होने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि लोगों को किसी ऐसे व्यक्ति को चुनना चाहिए जो उनके बीच में रहे और उनकी जरूरतों के लिए उपलब्ध रहे। रविशंकर प्रसाद और राम कृपाल यादव दोनों ही भाजपा के प्रचार अभियान के तहत विभिन्न सभाओं को संबोधित करेंगे।

गौरतलब है कि बंगाल की लोकसभा सीट बाबुल सुप्रियो के इस्तीफा देने के बाद से खाली हो गई थी जिसके कारण यहां उपचुनाव करवाना पड़ रहा है। इसके अलावा टीएमसी नेता सुब्रत मुखर्जी के निधन के बाद बालीगंज विधानसभा सीट खाली हुई है, जिसके बाद अब यहां भी उपचुनाव कराए जाएंगे।

बंगाल में एक लोकसभा और चार विधानसभा सीटों पर 12 अप्रैल को उपचुनाव होना है। इन दोनों सीटों पर चल रही सियासत एक बार फिर से गरमा गई है। इस बार देखने वाली बात यह होगी कि इन सीटों पर भाजपा को सफलता मिलती है या टीएमसी को। हाल के चुनावों में टीएमसी के प्रदर्शन को देखने के बाद लग रहा है कि शत्रुघ्न सिन्हा इस बार बाजी मार सकते हैं। वहीं बाबुल सुप्रियो को भी सेफ सीट दी गई है। यहां टीएमसी नेता सुब्रत मुखर्जी के निधन के बाद उपचुनाव कराने की घोषणा की गई है।

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