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निचली अदालत ने सत्येंद्र सिंह हत्याकांड में दोषी पाए जाने के बाद पूर्व सांसद विजय कृष्ण समेत चार को आजीवन कारावास की सजा दी थी। सिविल कोर्ट ने पूर्व सांसद विजय कृष्ण, उनके बेटे चाणक्य, बॉडीगार्ड उमेश सिंह समेत चार को दोषी पाया था। पूर्व सांसद अपने बॉडी गार्ड उमेश प्रसाद सिंह के साथ नौ साल से जेल में थे। इस बीच उन्होंने हाईकोर्ट का रुख किया, जहां लंबी सुनवाई के बाद सबूतों के अभाव में कोर्ट ने पूर्व सांसद सभी चारों लोगों को बरी कर दिया।
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2009 में हुई थी सत्येंद्र सिंह की हत्या
सत्येंद्र सिंह की हत्या 23 मार्च 2009 में हुई थी, उनका शव गंगा नदी से बरामद हुआ था। जिसमें परिजनों की शिकायत पर पूर्व सांसद समेत चार अन्य के खिलाफ 24 मई, 2009 को पटना के श्रीकृष्णपुरी पुलिस स्टेशन में प्राथमिकी दर्ज की गई थी। पुलिस ने मामले की जांच कर चारों आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट भी दाखिल कर दी। उन पर अपहरण, हत्या, आपराधिक साजिश और सबूत नष्ट करने के आरोप लगाए गए थे।
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पटना हाईकोर्ट ने पूर्व सांसद समेत चार दोषियों को किया बरी
अतिरिक्त जिला और सत्र न्यायाधीश-10 पटना की कोर्ट ने दो दिसंबर 2013 को चारों आरोपियों को हत्या का दोषी करार दिया था। इसी अदालत ने चार दिसंबर 2013 को चारों आरोपियों को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। इस फैसले को पूर्व सांसद ने पटना हाईकोर्ट में चुनौती दी थी, जिसमें सुनवाई के बाद सभी को सबूतों के अभाव में कोर्ट ने उम्रकैद की सजा से बरी कर दिया।
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