Home Bihar ‘आमदनी अठन्नी लेकिन खर्चा रुपैया करने की बात कह रहे हैं नीतीश कुमार’, जानिए सुशील मोदी ने कहां किया इशारा

‘आमदनी अठन्नी लेकिन खर्चा रुपैया करने की बात कह रहे हैं नीतीश कुमार’, जानिए सुशील मोदी ने कहां किया इशारा

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‘आमदनी अठन्नी लेकिन खर्चा रुपैया करने की बात कह रहे हैं नीतीश कुमार’, जानिए सुशील मोदी ने कहां किया इशारा

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नीलकमल, पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने नालंदा के राजगीर में एयरपोर्ट बनाने के लिए केंद्र से सहयोग ना मिलने का आरोप लगाया था। इसके बाद बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने यह कहा था कि केंद्र सरकार जब मना कर चुकी है तो बिहार सरकार को अपने खर्चे पर एयरपोर्ट बनाना चाहिए। अब नीतीश कुमार ने यह ऐलान किया है कि अगर केंद्र सहयोग नहीं करेगी तो बिहार सरकार अपने खर्च पर एयरपोर्ट बनाएगी। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का कहना है कि राजगीर एक पर्यटक स्थल होने के साथ-साथ धार्मिक स्थल भी है। यहां देश-विदेश से पर्यटक आते हैं इसलिए यहां एयरपोर्ट होना बेहद जरूरी है। नीतीश कुमार ने यह भी कहा कि हालांकि राज्य सरकार ने पटना से राजगीर की कनेक्टिविटी इस तरह से कर दी है कि 1 घंटे के अंदर यहां पहुंचा जा सकता है। इस पर सुशील मोदी ने नीतीश कुमार पर चुटकी ली है।

पहले जमीन दें फिर राजगीर की बात करें नीतीश- सुशील मोदी
बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने कहा कि नीतीश सरकार एक तरफ बिहटा, दरभंगा और पूर्णिमा हवाई अड्डों के विस्तार के लिए जमीन नहीं उपलब्ध करा रही है, तो दूसरी तरफ राजगीर में हवाई अड्डा बनाने के लिए केंद्र से सहयोग नहीं मिलने का आरोप लगा रही है। सुशील मोदी ने कहा कि नीतीश कुमार को राजगीर की बात करने से पहले तीन हवाई अड्डों के विस्तारीकरण के लिए जमीन उपलब्ध करानी चाहिए। उन्होंने कहा कि बिहटा और पूर्णिया हवाई अड्डों का विस्तारीकरण तो एक साल में हो सकता है, जिससे सीमांचल में विकास की गति जल्द ही तेज हो सकती है।
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शराबबंदी से घाटे पर भी सवाल
सुशील मोदी ने कहा कि एक तरफ नीतीश कुमार बिहार के अपने पैसे से राजगीर में हवाई अड्डा बनवाने और मेडिकल कॉलेज खोलने की अकड़ दिखाते हैं। वहीं दूसरी तरफ केंद्र से 20 हजार करोड़ का पैकेज भी मांगते हैं। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार की शराबबंदी नीति के चलते 6,000 करोड़ रुपयों की सालाना की क्षति हो रही है। इसके अलावा सभी राज्यों के लिए जीएसटी (GST) की क्षतिपूर्ति बंद होने से बिहार को सालाना 3-4 हजार करोड़ रुपये से वंचित होना पड़ रहा है। सुशील मोदी ने कहा कि नीतीश कुमार के अहंकार, शराबनीति और टकराव की राजनीति के कारण विकास की रफ्तार धीमी हो गई और आर्थिक चुनौतियां गंभीर हुई हैं। अब बजट का आकार छोटा करने की नौबत आ गई है।

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