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आनंद मोहन की रिहाई के फैसले को SC में चुनौती
भले ही आनंद मोहन अपने बेटे चेतन आनंद की शादी की तैयारियों में जुटे हैं। लेकिन जेल से रिहाई के बाद भी उनकी मुश्किलें थमती नहीं दिख रही हैं। बिहार सरकार के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चैलेंज किया गया है। पटना हाईकोर्ट में भी पीआईएल दायर की गई हैं। उधर जी. कृष्णैया की पत्नी उमा देवी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की, जिसमें उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से बिहार सरकार के फैसले पर रोक लगाने की मांग की है। इसी मामले में 8 मई को सुनवाई होगी।
आईएएस कृष्णैया की पत्नी उमा देवी की याचिका
आईएएस अधिकारी की हत्या के मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे आनंद मोहन सिंह की रिहाई को लेकर नीतीश कुमार सरकार लगातार आलोचनाओं का सामना कर रही। हालांकि, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस फैसले पर सफाई दी है। उन्होंने दावा किया कि बिहार सरकार का ये फैसला केंद्र के ‘मॉडल जेल मैनुअल 2016’ पर आधारित है।
रिहाई के फैसले पर सीएम नीतीश ने क्या कहा था
सीएम नीतीश ने एक किताब का हवाला देते हुए कहा कि यह मॉडल जेल मैनुअल 2016 की किताब है। कृपया इसे पढ़ें और मुझे बताएं कि क्या कोई प्रावधान कहता है कि अगर कोई आईएएस अधिकारी मारा जाता है, तो दोषी को अपने पूरे जीवन जेल में रहना होगा। देश के किसी भी राज्य में ऐसा कोई कानून नहीं है। इसलिए हमने इसे बिहार में हटा दिया है। आनंद मोहन 15 साल से ज्यादा समय से जेल की सजा काट रहे थे। काफी चर्चा के बाद यह फैसला लिया गया। उन्होंने पूछा कि क्या आम लोगों और एक सरकारी अधिकारी के लिए जरूरी कानून में कोई अंतर है?
बिहार: आनंद मोहन की रिहाई पर खूब बोले नीतीश कुमार, कहा- एक ही पर क्यों हो रही चर्चा
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