Home Bihar ‘अहसास नहीं तुझको कितना अहसान किए हैं’, जब नीतीश ने इशारों ही इशारों में बता दी कुशवाहा की हैसियत!

‘अहसास नहीं तुझको कितना अहसान किए हैं’, जब नीतीश ने इशारों ही इशारों में बता दी कुशवाहा की हैसियत!

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‘अहसास नहीं तुझको कितना अहसान किए हैं’, जब नीतीश ने इशारों ही इशारों में बता दी कुशवाहा की हैसियत!

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Nitish Kumar-Upendra Kushwaha: जेडीयू नेता उपेंद्र कुशवाहा हर दिन नीतीश कुमार और जेडीयू को लेकर कुछ न कुछ बोल रहे हैं। शुक्रवार को भी उन्होंने बिहार सीएम पर पलटवार किया। कुशवाहा के बयान पर नीतीश कुमार ने कहा कि जब उन्हें पता था कि जेडीयू कमजोर हुई है, तो आए क्यों। इस दौरान नीतीश ने इशारों ही इशारों में अहसान भी गिना दिए।

पटना: नीतीश कुमार ( Nitish Kumar ) की पार्टी जेडीयू में कुछ भी ठीक नहीं चल रहा है। पार्टी के दो बड़े नेता एक दूसरे के खिलाफ बयानबाजी कर रहे हैं। कोई कह रहा है कि आइये कसम खाते हैं, तो कोई प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से हैसियत बता रहा है। यह सियासी लड़ाई नीतीश कुमार और उपेंद्र कुशवाहा ( Nitish Kumar- Upendra Kushwaha ) के बीच हो रही है। नीतीश कुमार बिहार के मुख्यमंत्री हैं, तो उपेंद्र कुशवाहा जेडीयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष। पिछले एक सप्ताह से दोनों एक दूसरे के खिलाफ बयानबाजी कर रहे हैं। इसी क्रम में शुक्रवार को उपेंद्र कुशवाहा पत्रकारों के सामने आए और खुल्लम खुला लड़ाई का ऐलान कर दिया। कुशवाहा इस लड़ाई को ‘कमजोर’ जेडीयू को बचाने के लिए बता रहे हैं। दूसरी ओर नीतीश कुमार ने किए गए अहसान को अहसास कराकर उपेंद्र कुशवाहा की हैसियत बताने की कोशिश की।

कुशवाहा ने क्या कहा

शुक्रवार को उपेंद्र कुशवाहा ने पत्रकारों से बात करते हुए नीतीश कुमार पर जोरदार पलटवार किया। कुशवाहा ने कहा कि पार्टी कमजोर हुई है। इस दौरान कुशवाहा ने इशारों ही इशारों में डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव पर भी हमला बोला। उन्होंने नीतीश के बेटे पर विधानसभा में उठाए गए तेजस्वी यादव के पुराने सवालों को भी कुरेदा, तो मुख्यमंत्री को चुनौती भी दी कि वे बेटे की कसम खाएं कि कौन झूठ बोल रहा। कुशवाहा ने तेजस्वी यादव की ओर से नीतीश कुमार के बेटे पर उठाए गए सवाल को भी याद किया। कुशवाहा ने कहा कि आज मुख्यमंत्री जिनको आगे बढ़ाने की बात रोज करते हैं, उनकी उम्र से आधी उम्र का व्यक्ति, उन्होंने विधानसभा में भाषण देते हुए कहा था कि मुख्यमंत्री जी आपका एक बेटा है, वह भी आपका अपना है कि नहीं, यह आप ही जानिएगा।

‘कौन बोल रहा सच- आइये खाते हैं कसम’

नीतीश कुमार को बड़ा भाई बताते हुए उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि कोई उनके विषय में ऐसी बात बोला तो तकलीफ हुई और मैंने ऐसे बयान की आलोचना की। कुशवाहा ने नीतीश कुमार को चुनौती देते हुए कहा कि नीतीश कुमार को भी संतान है और मुझे भी संतान है, मुख्यमंत्री भी अपने बेटे की कसम खाएं और हम भी कसम खाते हैं, कि वे सच बोल रहे हैं या हम। उन्होंने मुख्यमंत्री पर खास सलाहकारों से घिरे होने का आरोप लगाते हुए यह भी साफ कर दिया कि वे पार्टी छोड़ कर कहीं नहीं जाने वाले हैं और पार्टी को बचाने की अंतिम लड़ाई लड़ेंगे।

मैं ही सिर्फ आए-गए वालों में से नहीं

उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि मीडिया के जरिए मुझसे बातचीत की शुरूआत नीतीश कुमार ने की है। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि नीतीश कुमार ने पिछले दो साल में मुझे खुद से फोन नहीं किया, मैंने ही जब जरूरत हुई नीतीश कुमार से फोन कर बात की। उन्होंने नीतीश कुमार के ‘आए और गए’ बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि पार्टी के अध्यक्ष से लेकर अधिकांश लोग आए और गए वाले हैं। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार बनने के बाद भी कई लोग सत्तासुख के लिए आए हैं। नीतीश कुमार के साथ सत्ता में बैठे ज्यादातर लोग आए-गए वाले हैं। ज्यादातर नेता समता पार्टी के दौर से उनके साथ आते जाते रहे, मैं ही सिर्फ ‘आए-गए’ वालों में से नहीं हूं। कुशवाहा ने साफ लहजे में कहा कि मुख्यमंत्री अभी भी बुलाएंगे तो बात करने जाऊंगा। उन्होंने दावे के साथ यह भी कहा कि वे पार्टी में बुलाने पर ही आए हैं। जब जब पार्टी कमजोर हुई है तब उनकी खोज हुई और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने फोन पर बात की है।

सीएम नीतीश ने बताई कुशवाहा की हैसियत!

उपेंद्र कुशवाहा के आरोपों पर नीतीश कुमार से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि वे (कुशवाहा) जानते थे कि जेडीयू विधानसभा चुनाव में केवल 43 सीटें जीती हैं। अगर चीजें उन्हें इतनी निराशाजनक लग रही थी, तो उन्हें वापस नहीं आना चाहिए था। उन्हें याद रखना चाहिए कि पार्टी में उनकी वापसी फलदायी रही, क्योंकि कई लोग उन्हें वापस लेने के पक्ष में नहीं थे। नीतीश कुमार ने कहा कि उपेंद्र कुशवाहा को याद रखना चाहिए कि इस पार्टी ( जेडीयू ) ने उन्हें बहुत कुछ दिया है। दरअसल, लोकसभा चुनाव 2019 में उपेंद्र कुशवाहा चुनाव हार गए थे। बिहार विधानसभा चुनाव में भी उनकी पार्टी RLSP कुछ खास नहीं कर पाई। इसके बाद कुशवाहा अपनी पार्टी का जेडीयू में विलय करा दिया। नीतीश कुमार ने कुशवाहा को जेडीयू संसदीय बोर्ड का अध्यक्ष बनाया और बाद में बिहार विधान परिषद का सदस्य।

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