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पटना में प्रदर्शन करते हुए शिक्षक अभ्यर्थियों ने बड़ी लड़ाई का किया एलान।
– फोटो : अमर उजाला
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पटना में CTET-STET पास अभ्यर्थियों ने एक बार फिर से बिहार सरकार पर जमकर हमला बोला। अभ्यर्थियों ने कहा, ” लोकतंत्र में जनता मालिक होता है। इसलिए हमलोग बिहार सरकार को आदेश देते हैं कि CTET और STET 2019 के अंको के आधार पर हमलोगों की बहाली की जाए। 24 फरवरी को होने वाले कैबिनेट की मीटिंग हमलोगों की नियुक्ति की घोषण की जाए। नहीं तो वो आंदोलन करेंगे।” यह बापू की धरती चंपारण से शुरू होगा। 27 फरवरी को सभी CTET-STET अभ्यर्थी मोतिहारी से मुजफ्फरपुर और हाजीपुर होते हुए पटना के राजभवन तक पद यात्रा निकालेंगे। यह यात्रा 7 दिन में पूरी होगी।
हमलोग सरकार को चलने नहीं देंगे
CTET-STET पास अभ्यर्थियों सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री महोदय लंगूर और चिम्पैंजी के लिए चिड़ियाखाना खोल रहे हैं। अभ्यर्थी नौकरी की मांग करते हैं तो उनपर लाठियां बरसाई जाती हैं। इसलिए अब हमलोग सत्याग्रह करेंगे। अभ्यर्थियों ने कहा कि सरकार को हमलोग आदेश देते हैं कि एक अप्रैल तक अगर शिक्षक अभ्यर्थियों की नियुक्ति नहीं होती है तो हमलोग सरकार को चलने नहीं देंगे। यह पदयात्रा को केवल झांकी है। अगर हमारी मांगें पूरी नहीं की गई तो पूरे बिहार भर आंदोलन होगा। पिछले 4 साल से सरकार हमलोगों को बहला रही है। बहुत हुआ इंतजार, अब हमलोग बर्दाश्त नहीं करेंगे। अभ्यर्थियों ने इस पदयात्रा को शिक्षा बचाओ यात्रा का नाम दिया।
“डिग्री दिखाओ नौकरी पाओ” की प्रथा चल रही
अभ्यर्थियों ने कहा कि बिहार में “डिग्री दिखाओ नौकरी पाओ” की प्रथा चल रही है। बिहार में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा विहीन विद्यालयों में शिक्षकों की कमी हो गई है। सरकारी विद्यालयों में पढ़ाई का वातावरण नहीं है। ऐसी स्थिति आ गई है कि सरकारी विद्यालय में पढ़कर कोई कोई अल्बर्ट आइंस्टाइन नहीं बनेगा, सिर्फ मजदूर पाएगा। आज ऐसी स्थिति हो गई है कि गरीब, दलित पिछड़ा और उच्च जाति के जो गरीब लोग हैं उन्हें गुणवत्तापूर्ण शिक्षा नहीं प्राप्त हो पा रही है। वह सरकारी विद्यालय में पढ़ने के लिए मजबूर हैं। लेकिन, पढ़ाई का कोई वातावरण ही नहीं है।
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