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आरजेडी विधायक अनंत सिंह को एके-47 और मैगजीन के मामले में 10 साल की सजा सुनाई गई। ऐसे में उनकी विधानसभा सदस्यता जानी तय मानी जा रही है। पचना के एमपी एमएलए कोर्ट ने उनको सजा सुनाई है। पुलिस ने अपना आरोप साबित करने के लिए अदालत में 13 गवाहों को पेश किया था। वहीं बचाव पक्ष की ओर से 34 गवाहों का बयान दर्ज कराया गया था। विधानसभा या लोकसभा में ये प्रावधान है कि अगर किसी सदस्य को दो साल या उससे अधिक की सजा होती है तो उन्हें विधायक या सांसद के पद के लिए अयोग्य माना जाता है। साथ ही उनकी सदस्यता खत्म कर दी जाती है। अनंत सिंह को तो 10 साल की सजा सुनाई गई है। ऐसे में उनकी विधायकी खत्म हो जाएगी। इसके बाद वो सजा खत्म होने के 6 साल बाद ही चुनाव लड़ सकते हैं।
विधायकी बचाने की जुगाड़ में जुटे अनंत सिंह
अनंत सिंह के विधानसभा की सदस्यता जाने के सवाल पर वकील ने कहा कि पीपुल्स रिप्रजेंटेटीव एक्ट के तहत जो होगा वो आगे की बात है। अगर हाईकोर्ट से सजा पर स्टे लग जाता है तो विधायकी नहीं जाएगी। निश्चति रूप से हम हाईकोर्ट जाएंगे। सुनील राम और अनंत सिंह दोनों को दोषी पाते हुए 10-10 साल की सजा हुई है। अनंत सिंह के वकील ने आगे बताया कि मेडिकल बोर्ड बैठा है। अनंत सिंह का इलाज भी चल रहा है। सारी परिस्थिति को देखते हुए 10 साल की सजा सुनाई गई है। इस केस में आजीवन करावास का प्रावधान था, लेकिन कोर्ट ने न्यूनतम सजा तय की है।
AK-47 केस ने अनंत सिंह को उलझाया
पटना के एमपी एमएलए कोर्ट में सजा सुनाए जाने के बाद वकील ने बताया कि मामला पिछली तारीख पर सजा के बिंदु पर रखा गया था। सुनवाई के बाद इनका मेडिकल ग्राउंड और 60 साल से ज्यादा के उम्र का भी जिक्र हुआ। अनंत सिंह 5 बार विधायक भी रहे हैं। सारी परिस्थिति को देखते हुए 10 साल की सजा दी गई। तीन सेक्शन में सजा नहीं किया गया। 25 (1) B, C में सजा नहीं दी गई। कुल 10 साल की सजा दी गई है। अनंत सिंह को दी गई सभी सजाएं साथ-साथ चलेंगी।
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