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कहा जाता है कि पटना भले ही बिहार की राजधानी है, लेकिन शासन और प्रशासन का सैंपल लेना हो तो उसके लिए आपको मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गृह जिले नालंदा से बेहतर कोई ऑप्शन नहीं मिलेगा। विपक्षी दल आरोप लगाते रहे हैं कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का अपने गृह जिले पर कुछ ज्यादा ही ध्यान होता है। सीएम नीतीश के नालंदा जिले के दौरे के एक दिन बाद ही हिलसा थाना क्षेत्र के नदहा गांव के ही कुछ युवकों ने मदीप राम के 35 वर्षीय पुत्र वीरेश राम को घर से बुलाकर ले गए। इसके बाद तेजाब छिड़ककर उसे जिंदा जला डाला। इससे मौके पर ही उसकी मौत हो गई। ग्रामीणों का आरोप है कि वीरेश तेजाब की जलन से तड़पता रहा, जिसके बाद भी वहां मौजूद किसी का कलेजा नहीं पसीजा।
तेजाब कांड से ग्रामीणों में आक्रोश
आक्रोशित ग्रामीणों ने आरोपी के घर हमला बोलकर जमकर पथराव किया। सूचना मिलने पर मौके पर पहुंची हिलसा थाना पुलिस टीम पर भी ग्रामीणों ने पथराव करते हुए कई वाहन को क्षतिग्रस्त कर दिया। पथराव में कई पुलिसकर्मियों के घायल होने की सूचना है। बचाव में पुलिस की ओर से 6 राउंड हवाई फायरिंग की गयी है। फिलहाल घटनास्थल रण क्षेत्र में तब्दील हो गया है। एसपी अशोक मिश्रा ने बताया कि मौके पर डीएसपी पहुंचे हैं। स्थिति को नियंत्रित करने का प्रयास किया जा रहा है। भारी संख्या में पुलिस बलों की तैनाती की गयी है। हिलसा डीएसपी कृष्ण मुरारी प्रसाद ने बताया कि डेड बॉडी में पूरी स्किन झुलसी हुई दिख रही है, जिसे देखकर लग रहा है कि तेजाब के जरिए वारदात को अंजाम दिया गया है।
एक तेजाब कांड से लालू की सरकार बनी तो दूसरे के बाद गई!
बिहार की राजनीति में तेजाब कांड को लेकर एक गजब का संयोग है। पहले तेजाब कांड को जोर-शोर से उठाकर लालू प्रसाद यादव सत्ता में आए और दूसरे चर्चित तेजाब कांड की वजह से हुई बदनामी के बाद उनकी सरकार चली ही गई। साल 1979-80 में बिहार के भागलपुर जिले में बिहार पुलिस को दागदार करने वाला अंखफोड़वा कांड हुआ था। उस दौरान 33 लोगों की आंखों में तेजाब डालकर उन्हें अंधा बना दिया गया था। जेपी आंदोलन से निकल लालू प्रसाद यादव इसी अंखफोड़वा कांड को मुद्दा बनाकर बिहार की जनता को समझाने में सफल रहे कि राज्य में कानून व्यवस्था का हाल कितना बुरा है। इसके बाद लालू प्रसाद की अगुवाई में जनता दल की सरकार बिहार में बनी।
साल 2004 में सिवान के बाहुबली और आरजेडी के पूर्व सांसद मोहम्मद शहाबुद्दीन के इशारे पर उनके गुर्गों ने दो लाख रुपये रंगदारी नही देने पर चंदा बाबू के दो बेटों सतीश और गिरीश को उनकी दुकान पर ही तेजाब से नहालकर हत्या कर दी। इसके बाद शव काटकर उसे बोरे में भरकर फेंक दिया था। नीतीश कुमार ने इस मुद्दे को जोरशोर से उठाकर बिहार में लालू-राबड़ी राज में कानून-व्यवस्था की हालत को जगजाहिर किया और 2005 में पहली बार सत्ता में आए।
तीन दिन पहले ही नीतीश ने लॉ एंड ऑर्डर पर की थी मीटिंग
बिहार विधानसभा में सहयोगी बीजेपी विधायकों की ओर से लॉ एंड ऑर्डर पर सवाल उठाए जाने के बाद खुद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने क्राइम के आंकड़े गिनाकर साबित करने की कोशिश की कि राज्य में अमन-चैन की सरकार है। इसके बाद मुख्यमंत्री ने डीजीपी की मौजूदगी में लॉ एंड ऑर्डर पर कैबिनेट की बैठक की थी। गुरुवार को सीएम नीतीश अपने गृह जिले नालंदा के दौरे पर थे। इसके ठीक एक दिन बाद शुक्रवार को नालंदा के हिलसा में तेजाब कांड हुआ है। 24 घंटे से ज्यादा का वक्त गुजर चुका है लेकिन बिहार पुलिस अभी तक इस वारदात के मकसद को तलाश नहीं पाई है।
इनपुट: परिणय कुमार
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