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सार
एडीजीपी ने कहा कि राजस्थान, दिल्ली, झारखंड और पश्चिम बंगाल में कई गिरोह हैं जो बिहार में अपने सहयोगियों के माध्यम से व्हाट्सएप वीडियो कॉलिंग के जरिए लोगों को ब्लैकमेल कर उनसे पैसे वसूल कर रहे हैं।
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विस्तार
ऑनलाइन यौन ब्लैकमेलिंग के मामलों में तेजी के बीच बिहार पुलिस ने फर्जी दस्तावेजों के जरिए खरीदे गए सिम कार्डों पर नकेल कसने का आदेश दिया है। पुलिस ने टेलीकॉम कंपनियों से फर्जी दस्तावेजों पर जारी सिम कार्ड से ग्राहकों को बुक करने को कहा है। बिहार के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक ने कहा कि राज्य में यौन शोषण के मामले बढ़ रहे हैं। बिहार पुलिस के आर्थिक और साइबर अपराध प्रभाग (ईसीसीडी) ने पिछले तीन-चार महीनों में लगभग 15 ऐसे मामले दर्ज किए हैं। इसने एक संगठित अपराध का रूप ले लिया है।
फर्जी सिम खरीदकर लोगों को ब्लैकमेल कर उनसे पैसे वसूल कर रहे अपराधी
एडीजीपी ने कहा कि राजस्थान, दिल्ली, झारखंड और पश्चिम बंगाल में कई गिरोह हैं जो बिहार में अपने सहयोगियों के माध्यम से व्हाट्सएप वीडियो कॉलिंग के जरिए लोगों को ब्लैकमेल कर उनसे पैसे वसूल कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि ये अपराधी फर्जी और जाली दस्तावेजों पर जारी किए गए मोबाइल सिम कार्ड का इस्तेमाल करते हैं, यही कारण है कि हमने दूरसंचार सेवा प्रदाताओं को फर्जी दस्तावेजों पर जारी सिम के साथ ग्राहकों को बुक करने के लिए कहा है। एडीजीपी ने कहा कि हम दिल्ली, राजस्थान, झारखंड और पश्चिम बंगाल पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ लगातार संपर्क में हैं ताकि वहां से सक्रिय साइबर अपराधियों की पहचान की जा सके और उन्हें गिरफ्तार किया जा सके।
ऐसे दिया जाता है घटना को अंजाम
ज्यादातर मामलों में साइबर अपराधी मुख्य रूप से फर्जी अकाउंट से व्हाट्सएप चैट के जरिए पुरुषों को निशाना बनाते हैं। कुछ संदेश भेजने के बाद, गिरोह की महिलाएं, बातचीत के दौरान आदमी को वीडियो कॉल करती है और कॉल के दौरान कपड़े उतारना शुरू कर देती है। फिर, सबूत के तौर पर अपनी नग्न वीडियो रिकॉर्डिंग के साथ, पीड़ित को ब्लैकमेल करना शुरू कर देती हैं। सोशल मीडिया पर उनकी तस्वीरें अपलोड करने की धमकी देते हैं।
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